राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले तत्वों की अब खैर नहीं है। डीजीपी केएस द्विवेदी ने सांप्रदायिक दंगा व तनाव फैलाने वाले तत्वों की शिनाख्त कर एक महीने के अंदर इनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का फरमान जारी किया है। ऐसे तत्वों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे तत्वों के खिलाफ सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) के तहत भी कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने 6 जून तक कार्रवाई करने के निदेश दिए है।
डीजीपी केएस द्विवेदी ने कार्रवाई के लिए एक माह की समय सीमा तय की
डीजीपी ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि विगत वर्ष दुर्गापूजा के समय से ही राज्य के कई जिलों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा की गई थी। यह स्थिति रामनवमी तक कायम रही। इन मामलों में राज्य के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि जो तत्व दुर्गापूजा के समय सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के जिम्मेदार थे, उन्हीं तत्वों ने रामनवमी के दौरान भी सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा की है। डीजीपी ने ऐसे सभी मामलों की पूरी गहराई से समीक्षा करने तथा साक्ष्यों के आधार पर ऐसे तत्वों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने अपने निर्देश में कहा है कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का मामला बनता है तो तत्काल उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की शुरू की जाए। द्विवेदी ने सभी एसपी से उनके जिलों में सांप्रदायिक तनाव के निष्पादित व लंबित मामलों की पूरी जानकारी आगामी 6 जून तक राज्य पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।
आधा दर्जन से अधिक जिलों में फैला था सांप्रदायिक तनाव1बता दें कि विगत वर्ष दुर्गापूजा के समय से ही राज्य के आधा दर्जन से भी अधिक जिलों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति व्याप्त थी। विगत मार्च में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति तब और अधिक खराब हुई जब कई स्थानों पर रामनवमी के जुलूस के दौरान उपद्रव किए गए। इन जिलों में भागलपुर, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, आरा, सारण, नवादा, वैशाली शामिल हैं।
Input : Dainik Jagran