पिछली बाढ़ में जो भी तटबंध क्षतिग्रस्त हुए उसे 30 मई तक हर हाल में दुरुस्त कर लिया जाए। वहीं स्लूस गेट की मरम्मत का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाए। इस कार्य में जो भी संवेदक लापरवाही करे उसे काली सूची में डालते हुए प्राथमिकी दर्ज कराएं। साथ ही आगे से उन्हें कार्य नहीं दिए जाएं। राज्य के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गुरुवार को बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा में ये निर्देश दिए दिए। मंत्री ने खतरनाक स्थलों को चिह्न्ति कर वहां पर्याप्त मात्र में फ्लड फाइटिंग की सामग्री स्टॉक करने व कैंप बनाकर पर्याप्त संख्या में मजदूर रखने का निर्देश दिया। बाढ़ के समय में भोजन, आवासन, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था रखने को भी कहा गया। प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राशि आवंटित कर दी गई है। इससे तटबंध पर उगे जंगल की कटिंग एवं सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि बगहा, मोतिहारी, बेतिया, हाजीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर जोन के कई स्थानों पर तटबंध टूटे हैं। इसकी अविलंब मरम्मत की जाए। यांत्रिक के अभियंताओं को दायां तटबंध के 57 एवं बायां तटबंध के 72 स्लूस गेट की मरम्मत 15 जून तक कराने का निर्देश दिया गया। रजवाड़ा बांध पर मुख्य कार्यपालक अभियंता यांत्रिक को स्लूस गेट लगाने तथा रिंग बांध की मरम्मत करने को कहा गया। इससे पहले डीएम ने औराई, कटरा, गायघाट, साहेबगंज एवं पारू में बाढ़ से प्रभावित तटबंधों के बारे में जानकारी दी गई। डीएम ने बताया कि उन्होंने स्वयं, एसडीओ व कार्यपालक अभियंताओं ने बांध का निरीक्षण किया। बैठक में एसडीओ पश्चिमी जे प्रियदर्शनी, अपर समाहर्ता आपदा अतुल कुमार वर्मा, एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार, ओएसडी मणिभूषण किशोर, एनडीसी अवधेश आनंद, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी नवीन सुमन व मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण, मुजफ्फरपुर समेत अन्य कार्यपालक अभियंता मौजूद थे।
जल संसाधन मंत्री ने बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा के दौरान जारी किए निर्देश
Input : Dainik Jagran