वतन वापसी के लिए नेशनल हाईवे पर जमा रहे वर्कर्स।मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद सूरत जिले के करीब 70 फीसदी वर्कर्स अपने घर लौटे थे…वापी, वलसाड से हजारों मजदूर घर लौटने के लिए नेशनल हाईवे पर जमा हो रहे हैं

राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते फिलहाल चार बड़े शहरों (अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट) में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात अब लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके डर से एक बार फिर मजूदरों का पलायन शुरू हो गया है। सूरत के इंडस्ट्रियल शहर वापी, वलसाड से हजारों की तादाद में मजदूर राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जाने के लिए नेशनल हाईवे पर जमा हो रहे हैं।

मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद सूरत जिले के करीब 70 फीसदी वर्कर्स अपने घर लौट गए थे। अनलॉक के बाद इनमें से करीब 60 फीसदी मजदूर वापस काम के लिए लौट आए थे और जीवन की गाड़ी को फिर से व्यवस्थित करने में जुट गए थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से पुराने हालात पैदा कर दिए हैं। सूरत जिले में ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार के हैं, जिनकी वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है।

प्राइवेट वाहनों और ट्रकों से हो रहे रवाना
ट्रेनों में टिकट न मिलने और लोकल ट्रेनों के न चलने के चलते वर्कर्स नेशनल हाईवे पर इकट्ठे हो रहे हैं और यहां से बसों, प्राइवेट वाहनों और ट्रकों से रवाना हो रहे हैं। ज्यादातर वर्कर्स टेक्सटाइल से जुड़े हुए हैं। इसलिए इनके पलायन से एक बार फिर इंडस्ट्रीज को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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