आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। संबोधन दौरान उन्होने कहा की, “रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता हैं। कोई काम प्रतिष्ठा में छोटा या हल्का नहीं है, परिश्रम, पूंजी तथा बौद्धिक श्रम सभी का महत्व समान है. उद्यमिता की ओर जाने वाली प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देना होगा. स्टार्टअप इसमें अहम भूमिका निभा रहा हैं. इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत हैं।”
रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है: RSS प्रमुख मोहन भागवत pic.twitter.com/pAlildZTTm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2022
लालू यादव ने आरएसएस और केंद्र सरकार दोनों को आड़े हाथों लिया
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने आरएसएस और केंद्र सरकार दोनों को आड़े हाथों लिया । लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा की, “RSS की ठग विद्या से प्रशिक्षित एवं संघ की महाझूठी, महाकपटी पाठशाला से निकले जुमलेबाज विद्यार्थी ही सालाना 2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वादा कर वोट बटोरते है? जब जब RSS-BJP अपनी ही बेफिजूल की बातों में फँसती है तो नफ़रत फैलाने वाले सज्जन बिन माँगा ज्ञान बाँटने चले आते है।”
RSS की ठग विद्या से प्रशिक्षित एवं संघ की महाझूठी, महाकपटी पाठशाला से निकले जुमलेबाज विद्यार्थी ही सालाना 2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वादा कर वोट बटोरते है?
जब जब RSS-BJP अपनी ही बेफिजूल की बातों में फँसती है तो नफ़रत फैलाने वाले सज्जन बिन माँगा ज्ञान बाँटने चले आते है। https://t.co/kKWFJqKOBz
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) October 5, 2022