बच्चों ने जिन अखबारों को पढ़ा उसे रद्दी वाले को नहीं बेचा। अब उन्हीं पुराने कागजों का इस्तेमाल कर ईको फ्रेंडली सरस्वती पूजा मना रहे हैं। यह खूबसूरत कारीगरी पटना, दानापुर के रौनक कैपिटल ग्रीन अपार्टमेंट के बच्चों ने की है। यहां बच्चों ने पुरानी रद्दी पेपर से मां सरस्वती की प्रतिमा बनाई है। इसमें कला निर्देशक संजय कुमार सिंह और सुनील कुमार चौधरी बच्चों की मदद कर रहे हैं।

इन बच्चों ने मीडिया कर्मी से बात की

वेस्ट पेपर से मां सरस्वती की मूर्ति बना रहे बच्चों वेद ऋषि, छवि, शिवानी,रेसु, सिमरन, खुशी, निशा और निशी से मीडिया कर्मियों से बात की की। सारे बचे बहुत उत्साहित दिखे। पहली बार बच्चे खुद से मूर्ति का निर्माण कर मां की पूजा-आराधना करेंगे। बच्चों ने बहुत हीं बारीक से काम किया है। इसमें सेंट कैरेंस, डीएवी , DPS, माउंट लिट्रा स्कूल के बच्चे शामिल हैं।

बच्चों ने बताया कि मां सरस्वती की यह मूर्ति 6 फीट की है। कोई मां के पैरों की सजावट कर रहा है। कोई उनके लिए कागज के गहना तैयार रहा है, कोई वीणा बनाने में लगा है, कोई माँ का वाहन हंस। सब के पास अलग-अलग टास्क है। मूर्ति बनाने के लिए बच्चों ने सबसे पहले तो कागज के पतले-पतले रोल तैयार किए। इसके बाद इसे फेविकॉल से अच्छे से जोड़ते चले गए, सबसे बड़ी बात यह काम इतनी बारीकी से इन्होंने किया है कि आप देखकर हैरान हो जाएंगे। मां के चेहरे की सजावट को देख लगता ही नहीं कि यह इस पेपर से तैयार किया गया है।

बच्चों को पेपर वेस्ट से ईको फ्रेंडली मूर्ति बनाने में मदद कर रहे शिक्षक संजय ने बताया कि 15-20 दिन से बच्चे इसे बनाने में लगे हैं। ऑन लाइन क्लास करने के बाद बच्चे मूर्ति बनाने में लगे रहे और अब यह सुंदर मूर्ति खड़ी हो गई है।सारे बच्चे माँ सरस्वती पूजा के दिन इसकी पूजा करेंगे। यह पब्लिक आर्ट है। यह पारंपरिक आर्ट से अलग आर्ट है। पेपरमैसी आर्ट अलग होता है। मूर्ति का बेस किस तरह से तैयार किया गया है? इस सवाल के जवाब में शिक्षक बताते हैं कि एक लकड़ी से इसका बेस बनाया गया है। इस मूर्ति को विसर्जित नहीं किया जाएगा बल्कि सहेज कर रखा जाएगा ।

बच्चे इतने उत्साहित होकर ईको फ्रेंडली मां सरस्वती की मूर्ति बना रहे हैं तो इस अपार्टमेंट के लोगों में भी खुशी है। सोसाइटी के अध्यक्ष राजीव कुमार रस्तोगी, सचिव सोमनाथ मिश्र सहित धनंजय कुमार, सोमनाथ मिश्र, कुंदन कुमार, रवि रंजन आदि कई स्थानीय लोग बच्चों का मनोबल बढ़ाते दिखते हैं। ये कहते हैं कि बच्चों ने रद्दी हो गए कागज में जान डाल दी है। इस मूर्ति की सबसे खास बात आपको बताएं वह यह कि इसे विसर्जित नहीं किया जाएगा बल्कि इसे बच्चों के खूबसूरत हुनर के तौर पर सहेज कर अछे से रखा जाएगा।

पर्यावरण को बचाने का संकल्प

ज्ञान की देवी यहां से पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रही हैं। बच्चे कहते हैं कि पर्यावरण को बचाने का ज्ञान अभी के समय में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है। हम पर्यावरण को बचाएंगे तो ऋतुओं को बचाएंगे, मौसम को बचाएंगे, ऑक्सीजन और पानी को बचाएंगे। अपार्टमेंट के अध्यक्ष राजीव कुमार रस्तोगी ने कहा कि सरस्वती पूजा के दिन हम सभी लोग बच्चों के साथ यह संकल्प लेंगे कि पर्यावरण को हर स्तर पर बचाएंगे।

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