जहां एक तरफ देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मुद्दे को स्वयं प्रधानमंत्री जी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं उसी देश में ऐसी संवेदनहीन और दर्दनाक खबरें आय दिन शुर्खियों में हैं। यें कहानी सिर्फ मुजफ्फरपुर की महज 23 वर्षीय बेटी पुजा की नहीं है ऐसी और न जाने कितनी बेटीयां हैं जिन पर ऐसे अत्याचार हो रहे हैं।
इंसानियत को आहत करने वाली खबर मेघालय के शिलांग की है जहां मुजफ्फरपुर की बेटी पुजा विवाह लगभग 2 वर्ष पहले हुआ, विवाह के पश्चात अपने घर यानी ससुराल इस उम्मीद में गई थी के उसे नए परिवार में दिल से अपनाया जाएगा पर अफ़सोस… पुजा के ससुराल वाले आय दिन उसे मारते पिटते, उसे मानसिक एवं शारीरिक रूप से वेदनाएं पहूंचाते और फिर बीते शनिवार उस बेटी की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के पश्चात घटना को आत्महत्या बनाने की कोशिश की गई पर पुजा का शव उसकी निर्मम हत्या की गवाही दे रहा था। बदन पर गहरे चोट के निशान, हाथ टूटी हुई, कान के पास चोट, सिर पर गहरे चोट, इसके बाद उसे फंदे से लटका दिया। भला हाथ टूटे होने के बाद कोई स्वयं फंदा लगाकर अपनी जान कैसे दे सकता है। खैर पुजा के परिजनों ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई है और पुलिस अनुसंधान कर रही हैं पर ऐसी संवेदनहीन घटनाएं ये सोचने पर विवश करती है की कब तक ऐसे ही दहेज के लालच में इन मासूमों की निर्मम हत्या होती रहेगी और कब तक इन्हें ऐसे दर्दनाक दौर से गुजरना पड़ेगा।
सवाल बड़ा अहम हैं आप सभी प्रतिक्रिया अवश्य दे एवं अधिक से अधिक शेयर करें ताकि उस बेटी को इंसाफ मिल सकें।