देश के अलग-अलग हिस्सों से छोटी बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म को लेकर शनिवार को केंद्र की ओर से बड़ा फैसला लिया गया। आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) में संशोधन कर आरोपी को फांसी की सजा पर मुहर लगा दिया है। संशोधित कानून के तहत 16 और 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म मामले में दोषियों को मौत की सजा दी जाएगी। कानून में संशोधन के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी।
पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा
कैबिनेट की होने वाली मीटिंग को लेकर पहले से ही इसकी संभावना जतायी जा रही थी कि कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश पर चर्चा की जाएगी और पॉक्सो एक्ट में फांसी जोड़ी जाएगी। कठुआ में पिछले दिनों हुई दुष्कर्म की घटना के बाद ऐसे आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की गई। कानून में बदलाव के बाद 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा होगी। पॉक्सो के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, दोषियों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है और न्यूनतम सात साल की जेल है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आता है। इसके तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गयी। यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की एक जनहित याचिका लंबित है जिसमें छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म पर चिंता जताते हुए कानून को कड़ा किये जाने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से शुक्रवार को एडीशनल सालिसिटर जनरल के जरिये एक नोट पेश कर बताया गया कि सरकार पोक्सो कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने पर विचार कर रही है।
Input : Dainik Jagran