जिला के कई पंचायतों में रूपये लेकर नौकरी बांटी जा रही हैं.कई पंचायतों में गिरोह द्वारा शिक्षा मित्र ने नौकड़ी दिलवाने के नाम पर लाखों रूपये एठने का मामला प्रकाश में आई हैं. मामले में पीड़िता ने बीडीओ को लिखित शिकायत देकर कार्यवाई की मांग की हैं. जानकारी हो की मामला मुजफ्फरपुर जिला के मोतीपुर प्रखंड के बरुराज थाना क्षेत्र की हैं. बरुराज के बासघाट गांव में कुछ लोगों द्वारा ”एक प्रयाश उजाले की ओर” नाम के संस्था के कर्मचारी बताते हुए लोगों एवं निचले स्तर के जनप्रतिनिधिओ से साठ – गांठ करके प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के पद पर बहाली करवाने के लिए मोटी रकम वसूली गयी है.
प्रशासन की मेहरबानी कहे या मनमानी इनलोगों को न किसी अधिकारी का डर हैं न ही विभाग का भय हैं. ये लोग सरेआम गांव – गांव जाकर रुपये एठने में लगे हुए हैं. गिरोह ने कई ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाया हैं जिसके पास खाने को दाना नही हैं जो मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. गिरोह नौकरी के झांसा देकर आनन-फानन में कर्ज उठवाकर मोटी रकम लिया हैं.
पीड़ित में बरुराज के बासघाट गांव निवासी सलोनी कुमारी, आरती देवी, मीरा देवी, सीमा देवी, सुम्मी कुमारी बताती हैं की इनके गांव के पड़ोस के एक सन्दीप सिंह नामक युवक एक दिन अचानक घर आये. और अपने आप को एक प्राइवेट संस्था का प्रखंड कोडिनेटर बताते हुए एक अंजान युवक से जिला कोडिनेटर के रूप में परिचय कराएं. फिर अपने आप को कलक्टर से मिनिस्टर तक पंहुचा हुआ फकीर बताते हुए शिक्षा मित्र नौकड़ी दिलवाने के नाम पर बहला फुसलाकर नौकरी दिलवाने का झांसा देते हुए आनन- फानन में 50- 50 हजार रूपये एठ लिए.
फिर एक रजिस्टर पंजी के साथ एक न्युक्ति से संबंधित संस्था का ज्वाइनिंग लेटर भी दी. जिसमे प्राथमिकी विद्यालय में शिक्षक पद पर न्युक्ति होने की बात लिखी गयी हैं. ये लोग एक रजिस्टर देते हुए कहा कि आपका बहाली गोपनीय तरीके से हुई हैं. आप इस बात को शेयर नही करेंगे. इस रजिस्टर पर आप अपने टोला के सभी बच्चों को घर में बुलाकर पढ़ायें और इसपर उपस्थिति दर्ज करें. दो -तीन महीने आपको अपने टोला के बच्चे को अपने घर पर पढ़ाएंगे जो ट्रेनिंग के रूप में होगा. फिर आपकी नौकरी को किसी सरकारी स्कूल में ट्रांसफर कर दी जायेगी. पत्र मिलने के एक महीने बाद गिरोह ने झांसे में पड़े पीड़ितों के खाते पर एक महीने में 7500 रूपये वेतन के रूप में भेजकर लोगों का विश्वास जीतते हुए जमकर रूपये ऐठे. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार बता दें कि यह गिरोह का खेल सिर्फ मोतीपुर ही नही मुजफ्फरपुर से लेकर पूर्वी चंपारण के केसरिया, कोटवा, मेहसी, सहित तकरीबन दर्जनों प्रखंडों में चल रही हैं. इस खेल में गिरोह ने तकरीबन 50 से अधिक लोगों को गुमराह करके 50- 50 हजार रूपये वसूले हुए हैं.
पीड़ितों ने बताया गिरोह में ये लोग हैं शामिल:
बासघाट गांव के संदीप सिंह ( ब्लॉक कोर्डिनेटर) मोतीपुर
मौना गांव के जितेंद्र साह (जिला कोर्डिनेटर) मुजफ्फरपुर
बासघाट गांव के बिट्टू कुमार (ब्लॉक कोर्डिनेटर)
मोतिहारी के रिशु राज (जिला कोर्डिनेटर)
रूपये मांगने पर धमकाते हैं गिरोह के लोग
पीड़ितों का कहना हैं की वे लोग दिए गए रूपये को वापस मांगने गिरोह के लोगों यहाँ जाते हैं तो वे लोग कलक्टर से लेकर मिनिस्टर तक पहुँचे हुए फकीर बताते हुए पीड़ितों को धमकाते हैं. कहते हैं की डीएम से लेकर मंत्री तक लोग मुझे जानते हैं. हल्ला करोगे तो पैसा नही मिलेगी. और देखार हो जाओगे. कंपनी ही भाग गयी हैं. चुपचाप रहो जब ऊपर से पैसा मिलेगी तो आपको उपलब्ध करा दूंगा.
कोई कर्ज तो कोई जेवरात बेचकर दिए थे रूपये…
पीड़ितों ने बताया की गिरोह के कार्यकर्ता इतने जल्दी किये की क्या बताएं. आनन- फानन में आएं और जल्दी बाजी के बहाली का झांसा देते हुए नौकरी नही होने पर पैसा लौटने का झांसा देते हुए रूपये मांगने लगे. रूपये घर में नही होने के कारण वे लोग गांव के लोगों एवं पड़ोस के महाजन से कर्ज लेकर उनलोगों को दिए. कुछ महिलाएं अपनी जेवरात बेचकर दी. वे लोग कुछ कागजात देते हुए नौकरी लगने की बात बताते हुए शिक्षा मित्र में बहाली होने की बात बताते हुए ट्रेनिंग करने की झांसा देते हुए एक रजिस्टर दिए और अपने टोला के बच्चों को घर बुलाकर पढाने के लिए कहते हुए चले गए. फिर वे एक महीना पर आएं तो जितने बच्चे की उपास्थिति दर्ज हुई थी उसपर वे प्रखंड कोर्डिनेटर लिखते हुए अपना हस्ताक्षर करते हुए निकलते बने. उनके द्वारा दिए गए मोबाईल नंबर भी बंद हो गयी. इस संबंध में प्रखंड कोर्डिनेटर संदीप सिंह से संपर्क करने की प्रयास की गयी लेकिन मोबाईल बंद होने वजह से संपर्क नही हो पाई. वही जिला कोर्डिनेटर जितेंद्र साह, प्रखंड कोर्डिनेटर बिट्टू कुमार इस संस्था एवं घटना के संबंध में अपने संलिप्ता होने से साफ साफ शब्दों में इंकार किया. लेकिन दूसरे तरफ पीड़ितों ने हस्ताक्षर सहित कई साक्ष्य भी दिखा रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया फर्जी हैं बहाली…
इस संबंध में हमारे लाईव सिटीज के संवाददाता द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उषा कुमारी से संपर्क करने पर वे इस बहाली को फर्जी करार करते हुए कार्यवाई करने की बात कही. लेकिन सुचना के कई घंटो बाद भी वे घटनास्थल पर जाकर कोई जाँच नही की. लोगों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से गिरोह के लोगो के बिच साठ- गाठ होने का आरोप लगाया हैं. इधर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उषा कुमारी अपने ऊपर लगाएं गए आरोप को बेबुनियाद बताई. दूसरे तरफ प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल राज ने इस संबंध में पूछने पर चप्पी साध लिए. वही प्रखंड प्रमुख पूनम गुप्ता ने बताई की मामला संज्ञान में आई हैं. डीएम को पत्र भेजकर कार्यवाई की मांग की जायेगी.
Input : Live Cities