पशु तस्करों से मुक्त कराकर औरंगाबाद से मुजफ्फरपुर व मुशहरी गोशाला में लाई गईं 850 गायों को बचाने के लिए हर संभव मदद जिला एवं गोशाला प्रशासन कर रहा है। सबसे बड़ी चुनौती बीमार गायों को मौत के मुंह में जाने से बचाने की है। अब तक दो दर्जन गायों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है। शुक्रवार को सिर्फ पांच मजदूर ही आए।
अधिकारियों ने किया निरीक्षण: गोशाला प्रबंधन समिति के पदेन अध्यक्ष एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, क्षेत्रीय पशुपालन पदाधिकारी एवं स्थानीय वार्ड पार्षद गार्गी सिंह ने गोशाला का निरीक्षण किया। गार्गी सिंह के साथ आसपास के वाडरे के पार्षद भी मजदूरों को भेज रहे हैं, ताकि गोशाला प्रशासन को मदद मिल सके। वहीं दर्जनभर चिकित्सक बीमार पशुओं का इलाज करने में लगे हैं। एसडीओ पूर्वी के अनुसार प्रशासन गायों की देखरेख के लिए मदद कर रहा है। उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला गोशाला को अधिक से अधिक मदद उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक मदद को प्रयासरत हैं। सामाजिक संगठनों से भी गायों को बचाने के लिए आगे आकर मदद करने की अपील की है। इधर,गोशाला में रखी गईं गायों की सेवा में तीन दिनों से समाजसेवी सोनी जैन व सपना अग्रवाल लगी हैं। दोनों ने गायों को बचाने के लिए डीएम व एसडीओ को ज्ञापन दिया।
Input : Dainik Jagran