इंसानियत और मानवता को कलंकित करने वाली एक घटना जूरन छपरा स्थित केजरीवाल अस्पताल में हुई. अस्पताल में एक माह से इलाज करा रहे सात माह के बच्चे की मौत के बाद परिजन उसे अस्पताल में ही छोड़ कर चल दिये. अस्पताल प्रशासक का कहना है कि इलाज का बिल 18 हजार व दवा का बिल पांच हजार हो गया था. जिसे चुकाने के बदले अस्पताल में ही मृत बच्चे को छोड़ परिजन फरार हो गये.

घटना 18 मई को घटी थी. इसकी सूचना ब्रह्मपुरा थाना पुलिस को दी गयी. लेकिन तीन दिन बाद जब पुलिस ने परिजन को खोजबीन करने से हाथ खड़े कर दिये, तो अस्पताल प्रशासक ने सोमवार को शव श्मशान घाट में दफना दिया. अस्पताल की डायरी में मृत बच्चे के पिता का नाम चंदन राम और पता आदमपुर, गोरौल वैशाली अंकित है.

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20 अप्रैल को अस्पताल में भरती हुआ था बच्चा

गोरौल, वैशाली के आदमपुर निवासी चंदन राम ने सात माह के बच्चे को केजरीवाल अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया था. इसी बीच पैसे जमा करने की बात कही, तो चंदन राम दो दिन बाद पैसे जमा करने की बात कह टालता गया. इस दौरान इलाज का बिल 18 हजार के करीब पहुंच गया. इधर, दवा दुकान का भी बिल पांच हजार के करीब हो गया. 18 मई को शाम चार बजे अस्पताल में बच्चे की मौत हो गयी. जिसके बाद अस्पताल कर्मचारियों ने परिजन को बच्चे की मौत की सूचना दी. परिजन पैसे की जुगाड़ करने की बात कह अस्पताल से निकल गये. लेकिन बच्चे की मां अस्पताल में ही रुकी रही. कुछ देर बाद वह भी अस्पताल कर्मियों को झांसा देकर निकल गयी. इसकी सूचना अस्पताल प्रशासक बीबी गिरि ने ब्रह्मपुरा थाने को दी.

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पुलिस को दी गयी थी सूचना

तीन दिनों तक शव को रखा गया था. शव से बदबू आते ही ब्रह्मपुरा थाना पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस ने शव को दफनाने की अनुमति दी. जिसके बाद शव को श्मशान घाट में दफना दिया गया.

Input : Prabhat Khabar

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