तेज आंधी तूफान और ओलावृष्टि से करोड़ो की हुई क्षति। किसानों के लिए कहर बनकर बरसी यह बारिश। उधर आसमा बरस रहा था इधर उम्मीदों का बर्फ पिघल पिघल कर आंसू के रूप में टपक रहे थे।
मुज़फ़्फ़रपुर के सरैया में जिस तरह तेज आंधी तूफान के साथ ओलावृष्टि हो रही थी,मानो ऐसा लग रहा था कि शिमला जैसे क्षेत्रों में जिस तरह पहाड़ की हँसी वादियों में बर्फ की बारिश होती हो।
एक तरफ यह सारे दृश्य बहुत ही मनभावन लग रहे थे ओ भी बिहार जैसे क्षेत्रों में ओ भी मुज़फ़्फ़रपुर में जहां पहाड़ भी न हो। लोग इस दृश्य का खूब लुत्फ़ उठा रहे थे और बच्चे से लेकर जवान तक इस दृश्य का मजा ले रहे थे।
कई लोग सड़को पर बिखरे ढेर सारे बर्फ़ो और पत्थरो के साथ सेल्फी भी ले रहे थे।
वही इस सारे दृश्य को देखकर लाखो किसानों के आँखों से आंसू बरस रहे थे जिनके एक वर्ष की उम्मीद गेंहू की फसल इन पत्थरो और बर्फ़ो के बारिश से चंद पलो में बर्बाद हो गई ।
सरैया एवं मुज़फ़्फ़रपुर के अन्य क्षेत्रो के लाखों किसान माथा पर हाथ कर रखकर किस्मत का रोना रो रहे है कि जब अब आखिरी समय फसल काटने का था तभी प्रकृति ने उनके साथ ए कैसा अत्याचार कर दिया।
आखिर इन किसानों ने क्या बिगाड़ा था??
अब इनकी सारी उम्मीदे सरकारी सिस्टम और सरकार पर जा टिकी है। अब आप ही इनकी आँखों से बरसते दर्द को सरकार तक पहुचाइए ताकि सरकार इनके आंसुओ को पोछने में कुछ मदद कर सके।
युवा पत्रकार संत राज़ बिहारी की कलम से