बिहार के माेतिहारी स्थित कोटवा में मुजफ्फरपुर से दिल्‍ली जा रही एक यात्री बस दुर्घटनाग्रस्‍त होकर गहरी खाई में जा गिरी। इसके बाद बस में आग लग गई। बस का शीशा तोड़कर कई यात्री निकलने में कामयाब रहे। उन्‍होंने दुर्घटना की जो कहानी बतायी, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है।

शीशा तोड़ बाहर निकले, दूसरे को भी निकाला 
बस में सवार समस्तीपुर के निवासी संजीव कुमार दिल्ली के रजौरी गार्डेन स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में कार्यरत हैं। उन्होंने दिल्ली जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। वे समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर आकर बस में सवार हुए थे। उन्‍होंने बताया कि हादसे के समय जोरदार आवाज हुई तो डर के मारे उनकी आंखें बंद हो गईं। फिर, बस में चीख-पुकार मच गई। आंख खोला तो सिर्फ आग और धुआं दिखाई पड़ रहा था। इसके बाद खिड़की का शीशा तोड़कर किसी तरह बाहर निकला।

संजीव के अनुसार उन्‍होंने अपनी सीट के पीछे बैठीं दरभंगा की श्रुति कुमारी को बाहर निकाला। बस में एक फैमिली भी थी। उनके साथ ढाई वर्ष की एक बच्ची भी थी। वे लोग कैसे बाहर निकले, इसका पता नहीं।

पानी के गड्ढ़े में कूद बचाई जान 
सीतामढ़ी के यात्री विनोद कुमार शीशा तोड़ खुद निकले और अन्य को भी निकालने में सहयोग किया। हालांकि, लपटें इतनी तेज थीं कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए पास ही पानी के गड्ढे में कूदना पड़ा। घायल अमित, विनोद व आदित्य भी पीछे का शीशा तोडऩे में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच आग ने बस के अंदर विकराल रूप धारण कर लिया था।

प्रत्‍यक्षदर्शियों ने सुनाई रोंगटे खड़े कर देने वाली दास्तान 
घटना के प्रत्‍यक्षदर्शी स्‍थानीय लोगों ने भी रोंगटे खड़े कर देने वाली दर्दनाक तस्‍वीर पेश की। स्थानीय मोहन कुमार, कमलेश कुमार और सुरेश कुमार ने बताया कि लपटें इतनी तेज थीं कि काबू पाना आसान नहीं था। लोग आग पर मिट्टी डाल रहे थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। कोई थाने को फोन कर रहा था तो कोई अग्निशमन विभाग को।


बस का फ्रेम छोड़ कुछ भी नहीं बचा 
हादसा इतना दर्दनाक था कि लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। बस के अंदर कुछ भी नहीं बचा था। जब क्रेन व जेसीवी के सहारे बस को गड्ढे से बाहर निकाला गया तो सब की जुबां पर एक ही बात थी, बस में जो थे, वे कहां गए? पूरी बस में कुछ टायर ही सुरक्षित दिखे। इसके अलावा कुछ दिख रहा था तो सिर्फ बस का फ्रेम।

Input : Dainik Jagran

Previous articleदर्दनाक हादसा: दिल्ली जा रही बस में लगी भयंकर आग, फिर हुई ये बात
Next articleमोतिहारी बस हादसा में कोई नहीं जला! – पढ़िए बिबेष त्रिवेदी जी के कलम से

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here