1990 मे हुये कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर देश मे सियासत तेज हैं। और इसी बीच बीच मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस (IAS) ऑफिसर नियाज खान की भी एंट्री हो गई हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा हैं कि, मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म बनानी चाहिए, वे कीड़े नहीं।
मुसलमानों के कत्लेआम पर लिखेंगे किताब
आईएएस अधिकारी नियाज खान ने ट्वीट कर कहा कि अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के कत्लेआम को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा हूँ, ताकि द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म कुछ निर्माता द्वारा बनाई जा सके। देश के अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को सबके सामने लाया जा सके।
Thinking to write a book to show the massacre of Muslims on different occasions so that a movie like Kashmir Files could be produced by some producer, so that, the pain and suffering of minorities could be brought before Indians
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
मुसलमान कीड़े नहीं
उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा की कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ब्राह्मणों का दर्द दिखाती हैं। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं।
Kashmir File shows the pain of Brahmins. They should be allowed to live safely in Kashmir with all honour. The producer must also make a movie to show the killings of Large number of Muslims across several states. Muslims are not insects but human beings and citizens of country
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
नियाज खान पर बोले भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा
आईएएस अधिकारी नियाज खान के ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कई सारे ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं । उन्होंने लिखा की – ‘चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई । तीस वर्ष बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी 1990 को पेश किया गया’
देखें भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा नियाज खान पर किया गया ट्वीट:
चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी पंडितो-हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई ।
30 साल बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी 1990 को पेश किया गया.
1/1 #TheKashmirFiles @saifasa— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) March 19, 2022