बिहार के घरों में अगर जल नल योजना के अंतर्गत आने वाला जल रुका तो इसका जुर्माना ठेकेदारों से वसूला जाएगा। पीएचईडी डिपार्टमेंट के आदेश के अनुसार, नल से जल रुकने पर 2 हजार का जुर्माना ठेकेदारों को देना पड़ सकता हैं।

जानकारी के मुताबिक पीएचईडी डिपार्टमेंट की तरफ से इस संबंध में एक आदेश जारी कर कहा गया हैं की, अगर एक दिन भी किसी घरों में नल से जल नहीं पहुंचता हैं तो ठेकेदारों को 2 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता हैं।

इंजीनियर पर भी गिरेगी गाज

यह कार्रवाई केवल ठेकेदारों तक ही सीमित नहीं रहेगी। बल्कि विभाग के इंजीनियर पर भी इसकी गाज गिरेगी। जिस इलाके में नल का पानी रुकेगा इसके लिए वहां के जूनियर और असिस्टेंडट इंजीनियर भी दोषी माने जाएंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग की तरफ से अभी तक लगभग 138 कॉन्ट्रैक्टर को डीबार किया गया हैं। साथ हीं 8 को ब्लैक लिस्टेड किया गया हैं।

पीएचईडी विभाग की तरफ से पूरे राज्य के 55,737 वार्ड में नल का जल का काम पूरा कर लिया गया हैं। इसकी मॉनिटरिंग के लिए विभाग की तरफ से पंचायत से लेकर स्टेट तक पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई हैं। इसके लिए आईओटी डैसबोर्ड तैयार किया हैं। यहां ऐसी व्यवस्था की गई है कि शिकायत मिलते हीं प्रमंडल स्तर के अधिकारी से लेकर पंप ऑपरेटर को एक साथ जोड़ लिया लिया जाता है समस्या का समाधान किया जाता है।

हर सप्ताह होगा जल चौपाल का आयोजन

वार्ड स्तर पर इसकी निगरानी के लिए हर सप्ताह जल चौपाल का भी आयोजन की व्यवस्था की जाएगी। इसमें हर महीने के पहले गुरुवार को वार्ड में जल चौपाल लगाई जाएगी। जिसमे वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में पंप ऑपरेटर के सामने समस्याओं पर चर्चा होगी। इसमें हर उस पानी के प्रेसर से लेकर उसकी गुणवत्ता तक के समाधान की व्यवस्था की गई हैं।

source: Dainik Bhaskar 

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