बैंक से लोन लेकर वापस न चुकाने वाले डिफॉल्टरों पर सरकार एक्शन ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार 91 डिफॉल्टरों पर देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा सकती है। सरकार ने डिफॉल्टरों की सूची भी संकलित की है। इस मामले की जानकारी रखने वाले शख्स ने जानकारी दी है।

इस सूची में  जिन लोगों को शामिल किया गया है, वे अपनी कंपनी के डायरेक्टर हैं या फिर मालिक हैं। इन लोगों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में माना गया है। जानकारी के अनुसार, सूची में शामिल विल फुल डिफॉल्टर ऐसे हैं, जो बैंक लोन को वापस करने में सक्षम हैं लेकिन वापस नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में तकरीबन 400 कंपनियों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में माना गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डीएस मलिक ने कोई भी जानकारी नहीं दी।

मालूम हो कि पिछले दिनों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में फ्रॉड सामने आया था। इसके बाद ज्वेलर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया गया। हालांकि, दोनों देश छोड़कर भाग गए थे।

बैंक ने नीरव मोदी को लिखा था ये खत

बीते दिनों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) बैंक फ्रॉड मामले में बैंक ने नीरव मोदी को एक खत लिखा। पंजाब नेशनल बैंक ने खत के जरिए से नीरव मोदी के ब्रैंड को खराब करने के आरोप को भी खारिज किया था। खत में नीरव मोदी को लिखा गया कि आपके गैरकानूनी और धोखाधड़ी वाले कामों की वजह से ब्रैंड के साथ ऐसा हुआ है। यहां तक कि आपका ब्रैंड भी हमारे पैसों से ही बना था।

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