बिहार में यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे इलाज के लिए अब आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस मामले में बड़ी जानकारी दी है. मंगल पांडेय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है तो उसे राज्य सरकार इलाज के लिए 1 लाख रुपये तक का अनुदान देगी.
इसके लिए शर्त है कि दुर्घटना के दस दिनों के अंदर स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी होगी. इसके बाद राज्य सरकार यह राशि जारी कर देगी. अनुदान राज्य या बाहर इलाज कराने पर भी मिलेगा. इसमें सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है. ये जानकारी शनिवार को राजधानी के तारामंडल सभागार में आयोजित हैंड सर्जन के सेमिनार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी.
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के शिकार घायल मरीज को घटना के दस दिनों के अंदर स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी होगी। विभाग मरीज के आवेदन पर विचार करने के बाद राशि का आवंटन करेगा. तारामंडल में आयोजित सेमिनार में मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार में हैंड सर्जरी को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए सूबे के चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि हाथ में किसी तरह की दुर्घटना होने पर समुचित इलाज किया जा सके.
सेमिनार में मुंबई से आए डॉ. आर नेहटे ने कहा कि कटे हुए हाथों को जोडऩा काफी आसान हो गया है. पहले यह मुश्किल ही नहीं असंभव था, लेकिन हैंड सर्जरी में हाल के वर्षों में तेजी से प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि कटे हुए हाथ को पांच घंटे के अंदर अस्पताल में पहुंचा दिया जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि हाथों को जोडऩे के लिए कोचीन में तेजी से काम हो रहा है. जल्द ही इसका प्रसार देशभर में किया जाएगा.
गंगा हॉस्पिटल कोयंबटूर से आए डॉ. एसआर साबापैथी ने कहा कि मानव जीवन में अधिकांश काम हाथों से किए जाते हैं। इसलिए दुर्घटना का शिकार हाथ ही सबसे ज्यादा होता है. अक्सर हाथ की अंगुली कटने की शिकायत मिलती है. ऐसे में चिकित्सकों ने अब पैर की अंगुली हाथ में जोडऩे की तकनीक विकसित कर ली है। समारोह में आए अतिथियों का स्वागत राजवंशी नगर हड्डी रोग अस्पताल के निदेशक डॉ.एचएन दिवाकर ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजीव कुमार रजक ने किया.
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