सलाम अलैकुम, हमलोग एडवांस विजन कंपनी कतर के दोहा शहर के सहानिया में फंसे हैं। करीब 200 भारतीय युवक हैं। 3 महीने से हमलोगों को एडवांस विजन कंपनी ने सैलरी नहीं दी है। आपलोग हमारी मदद कीजिए। कंपनी ने खाना-पानी सब बंद कर दिया है। बहुत मुश्किल हो गया है। रोजा शुरू हो गया है। हमलोगों के पास अब एक रियाल भी नहीं है। प्लीज हेल्प कीजिए घर बुला लीजिए। सुरता (एजेंट) केवल आश्वासन देकर हमलोगों को रोके हुए है। वह कुछ नहीं करेगा। कतर में फंसे मोतीपुर के ठिकहां निवासी मो. आफताब समेत 200 भारतीय युवकों ने अपनी इस परेशानी की वीडियो परिजनों को भेजकर मदद की गुहार लगाई है। कतर में फंसे भारतीय युवकों के परिजन चिंता में डूबे हुए हैं। आफताब के पिता मो. कमालुद्दीन ने डीएम मो. सोहैल से कतर से व्हाट्सअप पर बेटे द्वारा भेजे गए इस वीडियो का हवाला देते हुए प्रशासनिक मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख रुपए खर्च कर एक एजेंट से कतर की एडवांस विजन कंपनी में प्लंबर का काम करने के लिए बेटे के लिए वीजा लिया था। 4 माह पहले आफताब कतर पहुंचा। शुरुआत में कंपनी के एजेंट ने काम का भरोसा दिया और खाना वगैरह देता था। अब तो कंपनी ने खाना भी बंद कर दिया है। एजेंट द्वारा दिए गए वीजा पर नौकरी नहीं लग सकी।

आफताब के घर लौटने का गर्भवती पत्नी व पुत्र कर रहे इंतजार

आफताब इसके पहले दो वर्षों तक एक कंपनी में प्लंबर का काम कर चुका है। दो साल काम करने के बाद वापस आया और फिर से वीजा लेकर कतर पहुंचा। लेकिन, दूसरी बार उसके वीजा पर कंपनी में काम नहीं मिला। आफताब की गर्भवती पत्नी अफसाना खातून, दो वर्ष का पुत्र मो. उमैर समेत सभी परिजन आफताब के लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

मैंने आफताब के पिता कमालुद्दीन से बात की है। उसने कतर में फंसे अपने बेटे के बारे में जानकारी दी है। कमालुद्दीन को पूरे ब्योरे के साथ आवेदन देने के लिए कहा गया है। ताकि मदद के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा जा सके। – मो. साेहैल, डीएम, मुजफ्फरपुर 

Input : Dainik Bhaskar

Sigma IT Soloutions, Muzaffarpur, Bihar

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