बिहार के मोतिहारी जिले में बाल विकास परियोजना से जुड़ी पर्यवेक्षिकाओं को सेवा विस्तार देने के लिए स्कूटी चलाने की योग्यता को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें दक्षता परीक्षा भी पास करनी होगी। इसमें सफलता हासिल करने के बाद ही सेवा अवधि का विस्तार होगा। इस परीक्षा में असफल होने पर अगले आदेश तक के लिए मानदेय पर रोक लगा दी जाएगी।

इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने अधिसूचना जारी की है। साथ ही इसकी प्रतिलिपि डीएम को भेजी है। जारी पत्र में कहा गया है कि अनुबंध पर नियोजित पर्यवेक्षिकाओं को तीन माह के अंदर दो पहिया वाहन चलाने की योग्यता अर्जित कर लेनी है। यदि दोपहिया वाहन चलाना सीखे बिना किसी को सेवा अवधि विस्तार दिया जाता है तो उसे प्रावधान का उल्लंघन माना जाएगा।

बताया गया कि पूर्व में भी पर्यवेक्षिकाओं की सेवा अवधि विस्तार में दोपहिया वाहन चलाने की अनिवार्यता थी। इसका उल्लंघन कर सेवा विस्तार दिया जा रहा था। इसकी शिकायत मिलने के बाद निदेशालय के अधिकारियों ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है। पूर्वी चंपारण में फिलहाल 104 महिला पर्यवेक्षिकाएं हैं। जिनमें से कुछ ही दोपहिया वाहन चलाती हैं।

 

 

निदेशालय से प्राप्त निर्देशों को लागू किया जाएगा। इसकी प्रतिलिपि जिले के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को भेज दी गई है।

– राजेन्द्र कुमार दास, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आइसीडीएस)

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