भारत से नेपाल तक जल्द ही सवारी ट्रेन चलेगी। 65 किलोमीटर लंबी जयनगर-वर्दीवास रेललाइन का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। अभी जनकपुर होते हुए कुर्था तक 34 किलोमीटर में प्रथम चरण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर में लोगों को इसका लाभ मिलने लगेगा। नेपाल रेलवे को सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू करने के लिए रेल इंजन समेत चार जोड़ी डेमू सवारी गाड़ी दी जाएगी। भारतीय रेलवे नेपाल रेलवे के कर्मियों प्रशिक्षण देगा।इसके बाद गाडिय़ों की संख्या बढ़ेगी।

भारत के जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 65 किलोमीटर में रेल परिचालन के लिए रेलखंड का निर्माण भारतीय कंपनी इरकॉन कर रही है। प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 34 किलोमीटर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में कुर्था से बिजलपुरा तक 18 किलोमीटर में निर्माण कार्य जून 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है। बिजलपुरा से वर्दीवास तक 13 किलोमीटर अंतिम चरण में निर्माण कार्य होगा।

 

 

मालगाड़ी के लिए अलग से बनेगा ट्रैक : जयनगर से वर्दीवास तक सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू होने के बाद मालगाड़ी के लिए अलग से ट्रैक बिछाने का प्रस्ताव है। साथ ही एक वाङ्क्षशगपिट का भी निर्माण होगा। इरकॉन कंपनी के अनुसार मालगाड़ी के लिए ट्रैक बिछाने और गाडिय़ों के समुचित रखरखाव को ध्यान में रखते हुए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जा रही है।

निर्माण कंपनी इरकॉन के सहायक प्रबंधक रवि सहाय का कहना है कि पूरा प्रोजेक्ट 750 करोड़ रुपये का है। कार्य प्रगति पर है। अब तक सवा चार सौ करोड़ खर्च हो चुके हैं। दिसंबर से परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

 

पहले जयनगर से जनकपुर तक ट्रेन का परिचालन होता था। मीटरगेज की इस लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने के लिए परिचालन लगभग एक दशक से बंद है। इसकी शुरुआत होने से एक बार फिर माता सीता की धरती तक ट्रेन से जाया जा सकेगा।

Input : Dainik Jagran

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