काला हिरण शिकार मामले में दोषी फिल्म अभिनेता सलमान खान को पांच साल की सजा का एलान किया गया है। साथ ही उन पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। खबरों की माने तो सलमान को जोधपुर जेल भेजा जा रहा है आज उन्‍हें जेल में ही रहना पड़ सकता है। वहीं सबूतों के अभाव में अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया है। कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान सलमान के वकील ने कोर्ट से कहा था कि कम से कम सजा दी जाए। लेकिन सरकारी वकील ने सलमान खान के लिए 6 साल की सजा की मांग की थी।

सलमान के अलावा ये हैं अारोपी

मालूम हो कि काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, सोनाली, तब्बु व एक अन्य स्थानीय नागरिक आरोपी हैं। सलमान सहित सभी आरोपी जोधपुर में हैं। इस मामले में अंतिम बहस 28 मार्च को हुई थी। इसके बाद सीजेएम ग्रामीण देवकुमार खत्री ने इन आरोपियों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ऐसा होगा तो जाना ही पड़ेगा जेल

यदि सलमान खान को 3 साल से अधिक सजा होती है, तो उन्हें हर हाल में जेल जाना पड़ेगा। सेशन कोर्ट में अपील दायर कर सजा सस्पेंड करानी पड़ेगी। लेकिन जब तक सेशन कोर्ट से सजा सस्पेंड नहीं होगी, तब तक जेल में रहना पड़ेगा।

इस स्थिति में जेल नहीं जाएंगे

वहीं, यदि सलमान खान सहित सभी आरोपियों को 3 साल तक की सजा सुनाई जाती है, तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा। उसी कोर्ट में बेल बॉन्ड भरकर सजा सस्पेंड करा सकेंगे। लेकिन अगले 30 दिन में अपीलेट कोर्ट यानी सेशन कोर्ट से सजा सस्पेंड करानी पड़ेगी। इससे पहेल तीन मामलों में सलमान खान को बरी किया जा चुका है।हालांकि, मामला हाईकोर्ट में भी है।

जानिए- इस मामले में कब क्या हुअा

-सितंबर, 1998: काले हिरण के शिकार की ये घटना हम ‘साथ-साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई। आरोप है कि सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम जोधपुर के पास कांकाणी गांव गए थे और वहां इन लोगों ने दो हिरणों का शिकार किया था। हालांकि लोगों ने इन्हें देख लिया था। इसके बाद ये जिप्सी में बैठकर फरार हो गए थे। उस वक्त एक स्थानीय ट्रैवल एजेंट भी इनके साथ था।

-2 अक्टूबर,1998: इस मामले में राजस्थान के वन विभाग ने शिकायत की। जिसमें सलमान समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया। जिसमें सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम, तब्बू, दुष्यंत सिंह औऱ दिनेश गावरे शामिल हैं।

-वहीं चार चश्मदीद के भी नाम दर्ज हुए हैं। इसमें छोगाराम, पूनमचंद, शेराराम और मांगीलाल शामिल हैं।

-9 नवंबर, 2000: सीजेएम कोर्ट ने इस मामले की संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू हुई।

-19 फरवरी, 2006 : काले हिरण के शिकार के मामले में सभी आरोपियों पर आरोप तय किए गए। मगर डिफेंस की तरफ से सेशन कोर्ट में पुर्नविचार याचिका लगाई गई। वहीं प्रोसिक्यूशन ने हाई कोर्ट में अपील की। इसी वजह से सात साल तक ट्रायल रूका रहा।

-23 मार्च, 2013 : ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर दोबारा आरोप तय किए।

-23 मई, 2013 : सीजेएम कोर्ट में इस मामले की दोबारा सुनवाई शुरू हुई। ट्रायल के दौरान 28 गवाह बयानों से पलट गए।

-13 जनवरी, 2017 : कोर्ट में गवाही पूरी हुई।

-27 जनवरी, 2017 : सभी आरोपियों ने कोर्ट में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए।

-13 सितंबर, 2017 : अभियोजन पक्ष ने ट्रायल कोर्ट में अंतिम बहस शुरू की।

-28 अक्टूबर, 2017 : बचाव पक्ष की तरफ से अंतिम बहस शुरू हुई।

-24 मार्च, 2018 : ट्रायल कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई।

-28 मार्च, 2018 : काले हिरण के शिकार के मामले में ट्रायल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।

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