भारतीय रेलवे ने शुक्रवार 4 मार्च को आधुनिक तकनीक ‘कवच’ का सफल परीक्षण कर लिया हैं । यह तकनीक ट्रेनों के आमने-सामने आने की स्थिति मे ट्रेनों की टक्कर को रोकने का काम करेगी। इस तकनीक का परीक्षण सिकंद्राबाद में हुआ। इस दौरान भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी खुद ट्रेन के इंजन पर सवार थे। और दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत रेलवे विभाग के कई अधिकारी थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा इस अनोखे परीक्षण का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया गया। परीक्षण के दौरान जिस ट्रेन में भारतीय रेल मंत्री सवार थे, वह सामने से आ रही दूसरी ट्रेन से 380 मीटर पहले हीं रुक गई। दरअसल इस तकनीक का नाम कवच तकनीक हैं जिसके चलते ऐसा हुआ और ट्रेन में अपने आप ही ब्रेक लग गए।

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जीरो ट्रेन एक्सीडेंट का लक्ष्य

रेलवे का यह एक सेंसर तकनीक है, जिसके जरिए आमने-सामने ट्रेन के आने पर ट्रेन मे खुद ही ब्रेक लग जाएगी । भारतीय रेलवे ने देश मे हो रहे ट्रेन हादसों को टालने के लिए इसकी शुरुआत की है। रेल मंत्री द्वारा अश्विनी वैष्णव एक मिनट का वीडियो शेयर किया गया हैं, जिसमें लोकोपायलट वाले केबिन में रेल मंत्री समेत कई अन्य अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। रेल मंत्री ने ट्वीट किया और कहा की, ‘रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा । कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया।’ बता दें कि भारतीय रेलवे लगातार कवच तकनीक पर काम कर रही थी, जिसके तहत भविष्य में जीरो ट्रेन एक्सीडेंट के लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं। इसी के तहत यह परीक्षण शुक्रवार को किया गया।

बोले रेल मंत्री 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह तकनीक पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई हैं। इस तकनीक को उच्चतम स्तर के सुरक्षा मानकों के तहत प्रमाणितकिया गया हैं । इसे हम पूरे भारतीय रेलवे सिस्टम में लागू करेंगे। इसके अलावा कई दूसरे देशों को भी इस तकनीक को बेचा जाएगा । साथ हीं उन्होंने कहा कि फिलहाल 2000 किमी ट्रैक पर इसे लगाने वाले हैं। इसके बाद हर साल 4 से 5 हजार किलोमीटर के रूट पर इस तकनीक को लगाया जाएगा।

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