अगर आपको एटीएम से आपको जाली या ग़लत नोट मिल गया है तो परेशान होने की ज़रुरत नहीं है। हम बता रहे हैं कि ऐसे वक़्त में आपको क्या करना चाहिए। जाली नोटों को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन्स कहती हैं कि जाली नोटों की जिम्मेदारी बैंकों पर होनी चाहिए। क्योंकि एटीएम में करेंसी को डालने से पहले सभी नोटों की जांच जाली नोट पकड़ने वाली मशीन से की जाती है। इस लिहाज से कस्टमर के पास अगर कोई नकली नोट आता है तो इसकी जिम्मेवारी बैंक की है।
अगर आपको एटीएम से जाली नोट मिलता है तो क्या करें:
– सबसे पहले जैसे ही आपको पता चलता है कि मशीन से निकला नोट जाली है उस नोट एटीएम में मौजूद सीसीटीवी के सामने ले जाएं, ये आपके पक्ष में पहला सबूत होगा।
– अगर एटीएम का सीसीटीवी काम नहीं कर रहा है तो इसकी जानकारी एटीएम में मौजूद गार्ड को दें।
– जाली नोट मिलने पर एटीएम से निकलने वाली पर्ची को ज़रुर संभाल कर रखें।
– कोशिश करें इस घटना की शिकायत आप एटीएम से ही बैंक को कर दें ताकि आपके लोकेशन की जानकारी बैंक को मिल सके।
– आपको बैंक से असली नोट लेने के लिए ये साबित करना होगा कि नकली नोट एटीएम से ही निकला हुआ है।
– एक बार आप जाली नोट बैंक को दिखाते हैं तो ये बैंक की जिम्मेदारी होती है कि बैंक अधिकारी FIR दर्ज कराएं।
– अगर एक लेनदेन में 4 से ज्यादा जाली नोट मिलते हैं तो महीने के अंत में बैंक का नोडल ऑफिसर इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाने को देगा।
लेकिन यदि एक बार के ट्रांजेक्शन में पांच या उससे ज्यादा नकली नोट मिलते हैं तो उसी वक़्त बैंक का अधिकारी सभी नोटों को पुलिस थाने में भेज देगा और पुलिस एफआईआई दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर देगी।
याद रखें कि अगर आपको किसी भी एटीएम से जाली नोट मिलता है तो आप उसके एवज में बैंक से असली नोट नहीं मांग सकते हैं, क्योंकि कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। ना ही बैंक आपको वो जाली नोट लौटाएगा। बल्कि बैंक के अधिकारी उस नोट पर COUNTERFEIT NOTE लिखकर उसे जब्त कर लेंगे। इसके बदले में ग्राहक को बैंक की ओर से एक पावती रसीद दी जाएगी।
इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें