अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पूरी तरह से फिट बताकर डिस्चार्ज कर दिया गया। इससे गुस्साए लालू के समर्थकों ने एम्स में जमकर तोड़फोड़ की।

लालू के पूरी तरह स्वस्थ न होने की बात कहकर एम्स से डिस्चार्ज किए जाने से नाराज समर्थकों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। यही नहीं, उग्र भीड़ ने अस्पताल के एक वार्ड में घुसकर खिड़की व शीशे भी तोड़ दिए। उनका कहना था कि राजनीतिक साजिश के तहत लालू को जबरन एम्स से निकाला गया है। लालू समर्थक एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को घेरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते उन्हें वहां से निकाल दिया।

हालांकि, इस घटना में अभी तक किसी भी अस्पताल कर्मी के साथ मारपीट किए जाने की कोई खबर नहीं मिली है।

ज्ञात हो कि एम्स प्रशासन ने आज कहा कि मेडिकल बोर्ड की सलाह पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को एम्स से रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है और वह अब यात्रा करने के लिए फिट हैं।

दूसरी तरफ, लालू ने एम्स निदेशक को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि रांची मेडिकल कॉलेज में किडनी के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है इसलिए उनको वहां नहीं भेजा जाए।

पत्र में लालू ने कहा, ”अगर मुझे एम्स से रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है और इससे मेरे जीवन पर कोई खतर पैदा होता है तो इसकी पूरी जवाबदेही आप लोगों की होगी।

वहीं, एम्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज से लालू की सेहत में काफी सुधार हुआ है और वह अब यात्रा कर सकते हैं।

प्रवक्ता ने कहा, ”उनकी सेहत में बहुत सुधार हुआ है और उनके इलाज के लिए गठित मेडिकल बोर्ड की सलाह पर उन्हें लंबे समय तक चलने वाले इलाज के लिए रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है।

Input : Hindustan

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