लगातार गिरते जलस्तर और वाटर पंप हाउस के हांफने से एक तरफ शहर के अधिकांश इलाके में जलसंकट की समस्या बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ बदइंतजामी से बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। नगर निगम की क्षतिग्रस्त पाइपलाइन, पाइपों में लीकेज और नलों के खुले होने से रोजाना लगभग 120 लाख लीटर पेयजल बर्बाद हो रहा है। अगर इतने पानी को लोगों के घरों तक पहुंचा दिया जाये तो लगभग आठ हजार परिवारों के पेयजल की आवश्यकता पूरी हो सकती है। बावजूद न निगम की जल प्रशाखा का इस ओर ध्यान जा रहा और न अधिकारी-जनप्रतिनिधि इस दिशा में कुछ करना चाह रहे। शिकायतों पर खानापूरी भर काम होता, फिर पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाता। नई पाइपलाइन के लिए बनी योजना भी बीते पांच वर्षों से अधर में है। ऐसे में जलसंकट की समस्या शहर में गहराती जा रही है।

Input : Live Hindustan

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