तेज आंधी के साथ शनिवार को जिले में हुई भारी ओलावृष्टि से सरैया व पारू प्रखंड में काफी क्षति हुई है। बारिश के साथ करीब 50 मिनट तक लगातार हुई ओलावृष्टि से सरैया व पारू प्रखंड की 13 पंचायतों में करीब 37.76 करोड़ से अधिक की क्षति का अनुमान है। वैशाली सांसद रामा किशोर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को मामले की जानकारी दी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने सर्वेक्षण के लिए केंद्रीय टीम भेजने व मुआवजा का आश्वासन दिया। डीएम धर्मेंद्र सिंह ने जिला कृषि अधिकारी से क्षति की रिपोर्ट मांगी है। वहीं, सूबे में आंधी-बारिश व आेला गिरने से तीन महिलाओं समेत 5 की मौत हो गई। वैशाली में 3, सारण व खगड़िया में एक-एक मौत की सूचना है।
भारी क्षति | सरैया व साहेबगंज समेत कई प्रखंडों में गेहूं, तरबूज, आम, लीची व केला बर्बाद
शनिवार दोपहर तेज हवा के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि ने जिले के सरैया व पारू प्रखंड के किसानों के कलेजे को छलनी कर दिया। 40-50 मिनट तक लगातार ऐसी ओलावृष्टि हुई कि सरैया व पारू प्रखंड की 13 पंचायतों में जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश जैसा दृश्य दिखने लगा। खेत-खलिहान-रोड ओला की उजली चादर से ढक गए। दोनों प्रखंडों में करीब 10 हजार एकड़ की फसलें बर्बाद हो गईं। दोनों प्रखंडों की अन्य 51 पंचायतों में हल्की ओलावृष्टि से आंशिक नुकसान हुआ है।

प्रभावित इलाकों में 50-60 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी व ओलावृष्टि हुई। व्यापक क्षति की सूचना के बाद डीएम धर्मेंद्र सिंह ने जिला कृषि अधिकारी को स्थिति का जायजा लेने व सोमवार तक क्षति का पंचायतवार आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा। डीएओ डा. केके वर्मा ने जायजा लेने के बाद सरैया व पारू प्रखंड की प्रभावित पंचायतों में स्थिति भयावह होने की जानकारी दी है। कहा कि सभी प्रखंड कृषि अधिकारी से 24 घंटे में क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट मांगी गई है। जिला कृषि कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार जिले के सरैया व पारू प्रखंड में व्यापक तथा साहेबगंज में आंशिक ओलावृष्टि हुई है। जिले के 12 प्रखंडों में 92.6 मिली मीटर बारिश हुई है तथा कटरा, औराई, मीनापुर व कांटी में केवल बूंदाबांदी होने की सूचना है। इस तेज आंधी व ओलावृष्टि से गेहूं, आम व लीची के साथ ही मक्का, केला व सब्जियों को सर्वाधिक क्षति हुई है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार सरैया व पारू प्रखंड के आठ हजार हेक्टेयर में लगी करीब 27.76 करोड़ रुपये की गेहूं की फसल को तथा दो हजार हेक्टेयर में लगे आम, लीची, केला व सब्जियों की फसल को करीब 10 करोड़ रुपये की क्षति होने होने का अनुमान है। जिले में औसत 5.79 मिमी बारिश हुई है। ओलावृष्टि थमते ही पारू दक्षिणी पंचायत के किसानों ने फसल क्षति की मांग करते हुए एसएच-74 को जाम कर दिया।
सर्वेक्षण के लिए आएगी केंद्रीय टीम
50मिनट तक सरैया व पारू में ओलावृष्टि
5.79मिमी. हुई मुजफ्फरपुर जिले में औसत बारिश
10हजार एकड़ फसल सरैया व पारू प्रखंड में बर्बाद
2हजार हेक्टेयर में मक्का, आम, लीची की फसलें बर्बाद
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने पारू-सरैया रोड को किया जाम
प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में शनिवार की दोपहर आई अांधी-पानी व ओला वृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। आम और लीची का मंजर तो पूरी झड़ ही गया है। ओला वृष्टि को देख रामबाबू राय और शर्मानंद राय ने कहने लगे कि ऐसी ओला वृष्टि तो मैंने अपने जीवन में नहीं देखा। वर्षा के तीन घंटे बाद तक खेतों में ओला के टुकड़े पड़े मिले। वहीं, ओला वृष्टि में लालबाबू राय, राजेन्द्र राय चोटिल हो गए। उनका पीएचसी में इलाज कराया गया। ओला वृष्टि से ज्यादा नुकसान पारू दक्षिणी पंचायत में हुआ। गेहूं व मक्के की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसान शर्मानंद राय, रामबाबू यादव, हरिवंश राय, प्रमोद राय, गजाधर कुमार, अनिल राय समेत सैकड़ों किसानों की फसल को भारी क्षति पहुंची है। इधर, ओला वृष्टि से फसल बर्बाद होने की शिकायत लेकर किसान प्रखंड मुख्यालय पहुंचे। लेकिन, बीडीओ-सीईओ नहीं मिले। इसको लेकर लोगों ने पारू-सरैया मार्ग को हड़ताली मोड़ के पास जाम कर दिया और टायर जला कर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। एक घंटा बाद पारू थाना की पुलिस और बीडीओ संजय कुमार श्रीवास्तव पहुंचे। इन्होंने आश्वासन दिया कि फसल को हुई क्षति का आकलन कर रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जाएगी, जिसके बाद लोगों ने जाम खत्म किया।
कांटी में गेहूं फसल बर्बाद आम-लीची के मंजर झड़े
कांटी | प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में शनिवार को आई आंधी-बारिश ने गेहूं की तैयार फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। वहीं, आम-लीची का मंजर भी आंधी में झड़ गया। पानापुर करियात, सूरतपुर, रामनाथ धमौली पूर्वी व पश्चिमी और कांटी नगर सहित विभिन्न पंचायतों में किसानों को यह नुकसान झेलना पड़ा। किसान चंदन पांडे बिट्टू, अशोक चौधरी, बलिहारी चौधरी, दिनकर सिंह, राज मंगल सिंह, तारकेश्वर सिंह, रामाधार सिंह, सुभाष सिंह आदि किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल खेत में बिछ गई है। जिस कारण अब काटना मुश्किल है। वहीं, आम व लीची उत्पादक किसान विनोद कुमार, सचिंदर कुशवाहा, भोला त्रिपाठी आदि ने बताया कि आंधी में फलों के मंजर झड़ गए हैं।
इन जगहों पर अधिक क्षति
प्रारंभिक सूचना के अनुसार सरैया प्रखंड के बसैठा, मणिकपुर, कोल्हुआ, चक इब्राहिम, सरैया व चकना पंचायत। पारू प्रखंड के पारू दक्षिणी, फतेहाबाद, कमलपुरा, भगवानपुर, सिमरा, लालू छपरा तथा वजीदपुर पंचायत में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है। बांकी के 51 पंचायतों में ओलावृष्टि से आंशिक रूप से फसलों को क्षति हुई है।
जलवायु परिवर्तन संग ओलावृष्टि से विभाग भी चकित
जलवायु परिवर्तन के साथ ओलावृष्टि से कृषि विभाग भी चकित है। पूसा कृषि मौसम परामर्शी सेवा के नोडल अधिकारी ए. सत्तार ने बताया कि अब तक इस मौसम में छोटे क्षेत्र में ओलावृष्टि होती थी। लेकिन, इस बार छह जिलों के बड़े क्षेत्र में हुई व्यापक ओलावृष्टि चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि जलवायु में परिवर्तन के साथ ही हवा में नमी की मात्रा बढ़ने के बाद तापमान में बढ़ोत्तरी से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हवा का दबाव ऊपर की ओर जाने के बाद वायुमंडल का तापमान काफी कम होने पर हवा में नमी की मात्रा बर्फ के शक्ल में बदल जाती है। इस दौरान हवा की रफ्तार अधिक होने के साथ थंडर क्लाउड के बनने से हवा की नमी ओला की शक्ल में बदल जाने से यह बारिश के बदले ओला की शक्ल में जमीन पर गिरता है। बताया कि मौसम में तेजी से बदलाव होता है। उत्तर बिहार में इधर मई के महीने में बारिश हो रही है था जून व जुलाई के महीने में सूखे जैसे हालात हो रहे हैं।
Input : Dainik Bhaskar