मुजफ्फरपुर समेत बिहार के 12 जिले देश के 101 पिछड़े जिलों में शामिल हंै। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी से महज चंद मील दूर बसा हरियाणा का नूंह (मेवात) देश का सबसे पिछड़ा जिला है। विकास के दावों की हकीकत बयां करने वाली यह जानकारी किसी गैर सरकारी संस्था ने नहीं बल्कि खुद सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग ने की है। नीति आयोग ने शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण जैसे पांच क्षेत्रों के विकास के 49 मानकों पर देश के 101 पिछड़े जिलों की रैंकिंग की है। इसमें यह तथ्य सामने आए हैं। खास बात यह है कि देश के सर्वाधिक पिछड़े 10 जिलों में से चार अकेले उत्तर प्रदेश के हैं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि सरकार ने पिछड़े जिलों का कायापलट करने के लिए 101 जिलों की पहचान कीहै। हालांकि इन जिलों को पिछड़ा जिला न कहकर सरकार ने इन्हें ‘आस्पिरेशनल डिस्टिक्ट’ नाम दिया है। इन जिलों में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी नियुक्त किए हैं। इन जिलों में प्रगति का जायजा लेने के लिए ही नीति आयोग ने यह बेस-लाइन रैंकिंग जारी की है। एक अप्रैल से यह रैंकिंग रियल टाइम ऑनलाइन देखी जा सकेगी और मई से यह पता चल सकेगा कि किस जिले में कितनी तरक्की हुई। उन्होंने कहा कि इन जिलों का पिछड़ापन शासन की विफलता का परिणाम है। इसके लिए मुख्यमंत्री, स्थानीय सांसद और विधायकों को सोचना चाहिए। नीति आयोग के अनुसार 101 पिछड़े जिलों में भी सबसे पिछड़ा जिला हरियाणा का नूंह (मेवात) है। इसका नीति आयोग की इस रैंकिंग में मात्र 26 प्रतिशत स्कोर है। इसका मतलब यह है कि शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मामले में इस जिले की स्थिति बहुत खराब है।

सूची में बिहार के 12 जिले

आयोग की इस सूची में बिहार के 12 जिले-बांका, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, खगड़िया, जमुई, नवादा, शेखपुरा, गया, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय शामिल हैं। वहीं झारखंड के हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूमि, बोकारो, रामगढ़, रांची, गुमला, दुमका, गढ़वा, चतरा, पलामू, गिरीडीह, गौड्डा, नवादा, लातेहार, लोहरदग्गा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूमि, सिमडेगा, पाकुड़ और साहिबगंज जिले शामिल हैं। उत्तराखंड के हरिद्वार और उधमसिंह नगर भी इसमें शामिल हैं।

 

पिछड़े जिलों में यूपी के आठ 

नीति आयोग की 101 पिछड़े जिलों की सूची में वैसे तो यूपी के आठ जिले शामिल हैं, लेकिन श्रवस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर ऐसे जिले हैं जो सर्वाधिक पिछड़े हैं। उत्तर प्रदेश के चार अन्य पिछड़े जिलों के नाम फतेहपुर, चंदौली, सोनभद्र और चित्रकूट हैं।

Input : Dainik Jagran

 

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