सूबे के पूर्व मंत्री सह जदयू शरद यादव गुट के प्रदेश अध्यक्ष रमई राम ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिले संवैधानिक अधिकारों को छीना जा रहा है। उनके मान-सम्मान को चोट पहुंचाई जा रही है। देश में वे दोयम दर्जे का नागरिक बनकर नहीं रह सकते। हमें हरिजिस्तान चाहिए। साथ ही भारत बंद के दौरान मरे लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाये। वे मंगलवार को कालीबाड़ी रोड स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ। हिंददुस्तान से कटकर पाकिस्तान को अलग कर दिया गया। तब, डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास के लिए हरिजिस्तान की मांग की थी। तब के नेताओं ने हरिजिस्तान की मांग की जगह संविधान में विशेष सुविधा का प्रावधान किया था। लेकिन, केंद्र व राज्य की सरकारें सुप्रीम कोर्ट की आड़ में संविधान से मिली शक्तियों को छीन रही हैं। रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा रहा है। उनकी न सिर्फ उपेक्षा की जा रही, बल्कि उनके साथ भेदभाव भी किया जा रहा।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद को ऐतिहासिक बताया। साथ ही, बंद के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने व उनको आर्थिक एवं सामाजिक सम्मान देने की मांग केंद्र सरकार से की।

Input : Dainik Jagran

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