राजनीतिक हिंसा के लिहाज से कुछ समय से बनी हुई शांति भंग करते हुए मुजफ्फरपुर में बेखौफ हत्यारों ने सरेशाम पूर्व महापौर समेत दो की हत्या कर दी और हथियार लहराते फरार हो गये। हालाँकि वारदात की घटना सीसीटीवी में संभवतः कैद हो गई है जो घटनास्थल के पास ही लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एके 47 से लगभग 50 राउंड से अधिक गोली चलने की बात सामने आ रही है।

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व महापौर समीर कुमार अपनी पत्नी वर्षा रानी के नाम से निबंधित वाहन (वाहन संख्या बीआर 06 एके 4647) पर सवार होकर ड्राइवर के साथ चंदवारा टीचर ट्रेनिंग होते हुए आवास की ओर जा रहे थे। तभी पीछे से एक बाइक पर सवार दो अपराधियों ने वाहन को अग्निशमन सेवा कार्यालय से चंद कदम पहले ओवरटेक कर रुकवाया। गाड़ी रुकते ही अपराधियों ने सामने से ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी जिससे पूर्व महापौर समीर कुमार और उनका ड्राइवर संभल पाते उससे पहले ही हमलावरों ने लगभग 50 राउंड फायरिंग कर उन दोनों को मौत के घाट उतार दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस उपाधीक्षक नगर बेला थाना ब्रह्मपुरा थाना काजी मोहम्मदपुर थाना समेत कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु एसकेएमसीएच भिजवा दिया।
पूर्व मेयर समीर कुमार का चार सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया. सुचना मुताबिक कि समीर कुमार को 16 गोलियां लगी हुई है वही चालक रोहित को 11 गोलियां लगी हुई है.रोहित (चालक) गायघाट थाना क्षेत्र के काटा का रहने वाला था.
देर रात गए एफएसएल की जांच टीम पहुंची और घटनास्थल पर जांच करते हुये यथासंभलव सबूत इकट्ठे की।
सूचना मिलते ही पूर्व महापौर समीर कुमार के परिजन और सैकड़ों समर्थक घटनास्थल पर पहुंच गए। पर जब उन्हें जानकारी हुई की शव को पोस्टमार्टम हेतु एसकेएमसीएच भेज दिया गया है तो सभी एसकेएमसीएच की ओर रवाना हो गए। घटनास्थल पर अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती कर दी और स्थिति की गंभीरता समझते हुये पुलिस लाईन से पुलिस वालों को तैनाती कर दी गई है।
सरे शाम हुई इस हत्याकांड से एक ओर जहां प्रशासन सकते में है वहीं सत्ता के गलियारों में सन्नाट व्याप्त है। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं।
हत्या की खबर पूरे शहर में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई है। अटकलों का बाजार गर्म है।
यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते पूर्व महापौर की हत्या की गई। क्योंकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि पूर्व महापौर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
यह कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवतः राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते ही पूर्व महापौर की हत्या की गई। क्योंकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि पूर्व महापौर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
पेट्रोल पंप, यूपी का ग्रेटर नोएडा में चिप्स कंपनी, स्क्रैप व्यवसाई और नोएडा और मुजफ्फरपुर में करोड़ों की चल और अचल संपत्ति के मालिक समीर कुमार का पाँच वर्ष का महापौर कार्यकाल निष्कलंक और स्वच्छ छवि का रहा है। राजनीतिक में अपनी पैठ जमाने हेतु उन्होंने कई दलों का दामन थामा।
हत्या की खबर मिलते ही पूरे शहर में मातम का सन्नाटा पसर गया और लोग शाम ढलते ही दुकानों के शटर के ताले लगा दिये।
पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से कतराते नजर आए।
घटनास्थल के पास में ही एक निजी विद्यालय के बिल्डिंग पर लगे सीसीटीवी कैमरे में वारदात कैद होने की बात कही जा रही है। पुलिस प्रशासन को शायद इससे कुछ अहम सुराग हाथ लग सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई है और शहर से नाकलने वाले प्रत्येक रास्ते पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार किसी के फोन काॅल आने के बाद पूर्व महापौर उससे मिलने घर से निकले थे और घर वापसी के क्रम में उनकी हत्या कर दी जाती है जिससे उक्त फोन कॉल करने वाले व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। अब सवाल ये उठता है आखिर किसके कहने पर पूर्व महापौर उससे मिलने घर से बिना किसी सुरक्षा गार्ड के सिर्फ ड्राइवर के साथ घर से निकले थे।
अपराध की दुनिया को करीब से जानने वाले लोगों का जवाब है कि यह एक बहुत बड़ी सुपारी डील हो सकती है। इतना ही नहीं इस हत्या को लेकर दस करोड़ रुपये तक के सौदे की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है।
सवाल उठता है कि यह हत्याकांड किसी गहरी साजिश का नतीजा है या फिर करोड़ों की सुपारी डील का अंजाम, व्यक्तिगत दुश्मनी या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता। ये सब वजह नहीं है तो फिर ये राजनीतिक माफिया में किसी नए गठजोड़ के आगाज का खुला ऐलान है। सवाल जितने बड़े हैं, जवाब भी उतना ही उलझा हुआ है।