बिहार का मुजफ्फरपुर लीची को लेकर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची देश-दुनिया के लगभग सभी भागों में जाती है, लेकिन हो सकता है कि इस बार लोगों को शाही लीची के स्वाद से वंचित रहना पड़ जाए. दरअसल लीची की फसल तैयार होने को है. एक सप्ताह के अंदर फसल के पूरी तरह पककर तैयार होने की उम्मीद है, लेकिन इससे ठीक पहले लाल रंग के स्टिंग पग नामक कीट के भंयकर प्रकोप ने फसल को बर्बादी के कगार पर ला दिया है.
अगर फसल बर्बाद होती है तो इससे करीब 100 करोड़ के व्यवसाय पर असर पड़ेगा. इसके साथ-साथ लीची व्यवसाय से जुड़े करीब 11 हजार परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल भी है. फसल बर्बाद होती है तो इन परिवारों का भूखमरी का शिकार होना पड़ सकता है.
एक तरफ जहां लीची किसान कीट की वजह से परेशन हैं, वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग इस बात से अंजान है. न्यूज 18 द्वारा प्रमुखता से खबर दिखाने के बाद कृषि विभाग की नींद खुली और केंद्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों का दल मेहसी गांव पहुंचा, जहां किसानों को कीट के प्रकोप से बचाव के उपाय की जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
वैज्ञानिकों ने कार्यशाला में किसानों को फसल बचाने के लिए दवाओं के प्रयोग के तौर तरीके भी बताए. अब देखना होगा कि यह प्रयास किसानों की फसल बचा पाता है या नहीं.
Input : News18