अगर आपके पास किसी व्यक्ति की बेनामी संपत्ति की जानकारी है तो आप करोड़पति बन सकते हैं। आप उस बेनामी संपत्ति या लेन-देन की सूचना आयकर विभाग को दे दीजिए, इसके ऐवज में सरकार आपको एक करोड़ रुपये का इनाम देगी। खास बात यह है कि अगर आप किसी व्यक्ति के विदेशों में जमा कालेधन के बारे में सूचना आयकर विभाग को देते हैं तो आपको पांच करोड़ रुपये इनाम मिलेगा। मोदी सरकार ने कालेधन पर प्रहार करते हुए बेनामी संपत्ति और लेन-देन पर नियंत्रण के लिए यह ताजा कदम उठाया है।
सरकार इससे पहले विदेशी कालेधन पर कानून और नोटबंदी जैसे कदम उठा चुकी है। साथ ही दो दशक से रद्दी की टोकरी में पड़े बेनामी संपत्ति कानून में भी संशोधन कर उसे लागू करने का काम किया है। इस बीच आयकर विभाग ने ‘इनकम टैक्स इन्फॉर्मेट रिवार्ड स्कीम’ योजना में भी बदलाव किया है। इस योजना के तहत आय या संपत्ति पर कर चोरी की सटीक सूचना देने पर 50 लाख रुपये इनाम मिलेगा।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार ‘बेनामी ट्रांजैक्शन इन्फॉर्मेट रिवार्ड स्कीम, 2018’ के तहत विदेशी व्यक्तियों सहित कोई ाी बेनामी संपत्ति या लेन-देन की सूचना आयकर विभाग के संयुक्त या अतिरिक्त आयुक्त को दे सकता है। हालांकि यह सूचना ऐसी होनी चाहिए जिस पर कि बेनामी संपत्ति निषेद्य संशोधन कानून, 2016 के तहत कार्रवाई की जा सके।
सीबीडीटी का कहना है कि इस इनाम योजना का मकसद लोगों को बेनामी संपत्ति के बारे में और संपत्ति पर अर्जित आय के बारे में सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत लोग ऐसे निवेशकों और लाभार्थियों की सूचना दे सकते हैं जिन्होंने बेनामी संपत्ति बनायी है। इस योजना के तहत घरेलू बेनामी संपत्ति की सूचना देने पर एक करोड़ रुपये तथा विदेशी कालेधन की सूचना देने वाले को पांच करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा। आयकर विभाग सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखेगा। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
विदेशी कालेधन के बारे में सूचना मिलने पर ब्लैकमनी (अनडिस्क्लोज्ड फॉरिन इनकम एंड असेट्स) एंड इंपोजीशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के तहत कार्रवाई की जाएगी। विदेशी कालेधन के बारे में सूचना देने पर पांच करोड़ रुपये का इनाम देने का प्रावधान किया गया है ताकि इस योजना को आकर्षक बनाया जा सके। आयकर विभाग का कहना है कि बहुत से मामलों में लोगों ने बेनामी संपत्ति में पैसा लगाया हुआ है। यही वजह है कि विभाग ने यह कदम उठाया है।
Input : Dainik Jagran