भारत पहुंची ब्रिटेन की खतरनाक कोरोना स्ट्रेन? लंदन से दिल्ली आए पांच लोग संक्रमित मिले
जहां दुनियाभर में कोरोनावायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं भारत में धीरे-धीरे संक्रमितों और रोजाना मिलने वाले नए मामलों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि, देश में कोरोना को लेकर डर एक बार फिर बढ़ा है। इसकी वजह है ब्रिटेन में मिली कोरोनावायरस की नई स्ट्रेन, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा 70 फीसदी तक तेज हो जाता है। सरकार ने सोमवार को ही ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। हालांकि, एक रात पहले आए विमान के पांच यात्रियों के संक्रमित मिलने के बाद एक बार फिर डर की स्थिति पैदा हो गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने कोविड-19 नोडल अफसर के हवाले से बताया कि लंदन से एक रात पहले दिल्ली एयरपोर्ट आए विमान में क्रू समेत 266 लोग सवार थे। इसमें कुल 5 लोग पॉजिटिव मिले हैं। फिलहाल उनके सैंपल्स को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है। साथ ही संक्रमितों को भी केयर सेंटर में अलग रखा गया है।
इससे पहले लंदन से मुंबई पहुंचीं दो फ्लाइट के यात्रियों को भी एयरपोर्ट से सीधे होटल ले जाया गया था। उन्हें यहां क्वारैंटाइन कर दिया गया। कुछ यात्रियों ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें इस बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
WHO बोला- नियंत्रण से बाहर नहीं हुई स्थिति: ब्रिटेन में कोरोना के नए रूप से फैले डर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि नए स्ट्रेन को रोकना संभव है। संगठन के स्वास्थ्य आपात काल प्रमुख माइक रायन ने जिनेवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “स्थिति काबू से बाहर नहीं है लेकिन इसे अपने पर छोड़ा भी नहीं जा सकता है।” उन्होंने सभी देश से उन कदमों को उठाने को कहा जिनकी सफलता साबित हो चुकी है.
संगठन के अनुसार, नए स्ट्रेन से जिन्हें संक्रमण हो जाता है वो औसतन 1.5 और लोगों को संक्रमित करते हैं , जबकि ब्रिटेन में पहले से मौजूद स्ट्रेनों की रिप्रोडक्शन दर 1.1 है। वायरस-विज्ञानियों के बीच इस बात पर लगभग सहमति भी है कि इस के आगे मौजूदा वैक्सीनें बेअसर नहीं होंगी।
आज रात से ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइटों पर प्रतिबंध: भारत में मंगलवार रात 12 बजे के बाद ब्रिटेन की कोई बी फ्लाइट भारत नहीं आएगी। इस दौरान जो भी विमान आ रहे हैं, उनके यात्रियों को भी आरटी-पीसीआर जांच के बाद ही घर भेजा जा रहा है। जिन यात्रियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाएगी, उन्हें क्वारैंटाइन सेंटर में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। वहीं, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है, उनके लिए भी सात दिन का होम क्वारैंटाइन में रहना अनिवार्य होगा। पहले विदेश से आने वाले यात्रियों को वहीं से कोरोना की जांच करवाकर आना होता था। इसके बाद यात्रियों को सीधे होम क्वारंटाइन में भेज दिया जाता था।