नौकरी करने भारत से ओमान की राजधानी मस्कट गए शाहपुर पटोरी से सटे वैशाली जिले के बाजितपुर चकउस्मान व मुरादाबाद गांव के आधा दर्जन लोग पिछले कई माह से ओमान में फंसे हुए हैं। कई माह से वेतन नहीं मिलने से उनके सामने भोजन-पानी और चिकित्सा की समस्या उत्पन्न हो गई है। उनकी वीजा की अवधि भी छह माह या उससे पहले ही समाप्त हो चुकी है। वहां फंसे हुए लोगों ने वीडियो बनाकर अपने परिवारों को वाट्सएप पर भेजा है। वीडियो में भारतीय अधिकारियों व मीडिया से वतन वापसी में मदद करने की गुहार लगायी गई है। वीडियो के मुताबिक ओमान में छह सौ से अधिक भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल व अन्य प्रदेशों के रहने वाले हैं।वीडियो में उनलोगों ने बताया है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे भारत लौट सके।
इन लोगों ने कई बार भारतीय दूतावास से संपर्क किया परंतु उनकी नहीं सुनी गई। अपने बकाया वेतन के लिए वे वहां के लेबर कोर्ट भी गए परंतु किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया। वीडियो मिलने के बाद ओमान में फंसे लोगों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। कई परिवारों में लोगों ने खाना-पीना छोड़ दिया है। ओमान में फंसे लोगों में वैशाली जिले के महनार प्रखंड के बाजितपुर चकउस्मान निवासी मो़ मुस्तकीम के पुत्र फैज आलम (55), मो. जमीर के पुत्र मो. मुख्तार आलम (45), मो. इलियास के पुत्र मो. आफताब आलम (42) तथा जन्दाहा प्रखंड के मुरादाबाद निवासी मो. फरीद आलम (40) के नाम शामिल हैं।वीडियो में ओमान में फंसे लोगों ने बताया है कि उनके वीजा की अवधि कई माह पूर्व समाप्त हो चुकी है। उनके पास पैसे नहीं हैं जिससे उनके समक्ष भोजन, वस्त्र, पेयजल, चिकित्सा की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। बीमारी के कारण कई लोग परेशान हैं। अगर उन्हें भारत लाने की व्यवस्था नहीं की जाएगी तो वे फांसी लगाकर अपनी जान दे देंगे।यहां बाजितपुर चकउस्मान में परिवार के सदस्यों ने बताया कि एक मल्टीनेशनल कंपनी के कोलकाता स्थित कार्यालय से उन लोगों को ओमान ले जाया गया था।

लगभग 8 माह पूर्व कंपनी घाटे में जाने लगी, जिससे उन्हें वेतन मिलना बंद हो गया और वे वहां फंस गये। मो. फैज आलम की पत्नी गुलशन बीबी ने बताया कि उनके शौहर को डायबिटिज है। उनके पास न तो दवा के लिए पैसा है और न ही कोई चिकित्सा सुविधा। मो. मुख्तार आलम की पत्नी गुलशन खातून ने बताया कि उनके पति वहां पिछले 9 वर्ष से रहते थे। पिछले वर्ष उन्हें क्रेन ऑपरेटर के लिए काम पर रखा गया। बाद में कंस्ट्रशन कंपनी ने उन्हें पैसे देना बंद कर दिया। मजबूरन उन्होंने नौकरी छोड़ दी। वहीं मो. आफताब आलम का पूरा परिवार आफताब की सकुशल वापसी को लेकर चिंता में डूबा है।इन्हीं गांवों के मो़ सुल्तान अहमद, शाहबाज आलम, महफूज आलम, अब्दुल शमी, गुलरेज आलम आदि ने बताया कि वे भी ओमान गए थे किन्तु कंपनी से पैसा नहीं मिलने व वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद किसी प्रकार फाइन देकर लौट आये। उनलोगों ने बताया कि वहां फंसे लोगों के भारत वापसी की मांग करने पर वहां की पुलिस बर्बरता करती है। इन परिवारों ने भारत सरकार से सकारात्मक पहल कर उनके परिवार के सदस्यों की सकुशल वापसी की गुहार लगायी है।
मुझे भी बाजितपुर चकउस्मान गांव के कुछ लोगों के ओमान में फंसे होने की जानकारी मिली है । मैं भी उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रखंड व जिला के अधिकारियों से मिलकर प्रयास करने का निवेदन करूंगा।- ओम प्रकाश राय, मुखिया, सिमरा, प्रखंड- महनार ( वैशाली)।