राजधानी में जल्द ही आप ‘फाइव स्टार’ गोलगप्पा, चाट, मोमोज, बटाटापुरी और चाउमिन खा सकेंगे। सड़क किनारे मिलने वाले स्ट्रीट फूड भी स्टार रेटेड होंगे। खाने की पौष्टिकता और स्वच्छता के हिसाब से खाद्य संरक्षण विभाग की टीम स्टार रेटिंग देगी। इसमें थ्री, फोर और फाइव स्टार की रेटिंग दी जाएगी।

स्ट्रीट फूड वेंडरों को प्रोत्साहित करने के लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से इस योजना पर काम शुरू हो गया है। पायलट परियोजना के तहत पटना, बोधगया, राजगीर और मुजफ्फरपुर में स्ट्रीट फूड वेंडरों को स्टार ग्रेड मिलेंगे। अगले माह से रेटिंग देने की कवायद शुरू हो जाएगी। फिलहाल निरीक्षण का काम जारी है।

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पहले मौर्यालोक में स्टार रेटिंग फूड

राजधानी में पहले चरण में मौर्यालोक परिसर में स्ट्रीट वेंडरों को स्टार रेटिंग दी जाएगी। स्ट्रीट फूड की पौष्टिकता और स्वच्छता के आधार पर रेटिंग मिलेगी। सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले खाने को फाइव स्टार रेटिंग मिलेगी। मध्यम व्यवस्था वाले को फोर स्टार एवं संतुष्ट होने वाली व्यवस्था पर थ्री स्टार की रेटिंग दी जाएगी। योजना के तहत खाद्य संरक्षा विभाग की ओर से शहर के स्ट्रीट वेंडरों को स्वास्थ्यवद्र्धक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

स्ट्रीट वेंडरों को स्टार ग्रेड देने के लिए खाद्य संरक्षण विभाग की ओर से चार अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। एडमिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कोलकाता में खाद्य संरक्षा अधिकारी मुकेश कश्यप, तपेश्वरी सिंह, सुदामा चौधरी और खाद्य एनालिस्ट महेंद्र प्रताप सिंह को प्रशिक्षण भी मिल चुका है।

दो हजार से अधिक वेंडर

सिर्फ पटना में 14 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर हैं, इसमें दो हजार स्ट्रीट फूड वेंडर हैं। पहले खाद्य संरक्षण विभाग की ओर से गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं बेचने पर जुर्माना लगाया जाता था। अब उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए रैंकिंग की जा रही है। अगर स्ट्रीट फूड वेंडरों को तकनीकी सहायता और सलाह की जरूरत होगी तो विभाग वह भी भी उपलब्ध कराएगा।

इस संबंध में पटना के खाद्य संरक्षण अधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि पटना समेत चार शहरों के स्ट्रीट फूड वेंडरों को स्टार रेटिंग दी जाएगी। इसका उद्देश्य पौष्टिक व स्वच्छ स्ट्रीट फूड मुहैया कराना है। इससे स्ट्रीट वेंडर भी प्रोत्साहित होंगे। जुलाई माह से रेटिंग देने का काम शुरू हो जाएगा।

 स्टार रेटिंग का पैमाना

– खाद्य पदार्थ के लिए कच्ची सामग्री

– खाने की गुणवत्ता और रखरखाव

– खाना बनाने और खिलाने वाले बर्तन की सफाई

– खाना बनाने व परोसने वाले की व्यक्तिगत सफाई

– निकलने वाले कचरे के लिए ब्लू-ग्रीन डस्टबिन

Input : Dainik Jagran

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