प्रदूषण से राहत देने की एक अनोखी पहल वर्ष 2017 के सितंबर माह में ही शुरू हो गई थी लेकिन बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और बिहार सरकार के उद्योग विभाग के सहयोग से संचालित वेंचरपार्क की मुहर लगने के बाद मार्च महीने में यह हकीकत बन गई। वेंचरपार्क की चयन समिति ने अपनी रीति-नीति के तहत राहुल कुमार की नई सोच को तवज्जो देकर इसे व्यावसायिक शक्ल देने का फैसला लिया। अब वे घरों, कार्यालयों को वैसे पौधों से सजा रहे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं।
कैसे हुई शुरुआत
राहुल कुमार ने कहा कि प्रदूषण को केंद्र में रख एयर क्वालिटी इंडेक्स पर काम करने के लिए मैंने इकोवेंचर संस्था बनाई थी। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) की ओर से संचालित वेंचरपार्क युवाओं के नए आइडिया को व्यापारिक शक्ल देने में मदद करता है। वेंचरपार्क को बिहार सरकार का उद्योग विभाग भी सहयोग करता है। जब मेरी सोच को इन्होंने देखा तो सेलेक्ट कर लिया।
ऐसे दिमाग में आई बात
नासा ने अपने एक रिसर्च में कहा था कि बहुत सारे ऐसे पौधे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। बिना सूर्य की रौशनी के भी ये स्वस्थ रह सकते हैं। इसी बात को ध्यान में मैंने नेट पर जानकारी हासिल करनी शुरू की। सटीक जानकारी जुटाने के बाद आगे बढ़ा। सेंसीबिरिया, फर्न, एग्लोनीमा, पोथेज, सिंगोनियम, चाइना पाम, पीसलिली, रबर प्लांट, एनथ्यूरियम, डाइफनबेसिया, स्पाइडर प्लांट, चाइनीज एवरग्रीन जैसे पौधे 24 घंटा ऑक्सीजन देने के साथ ही बिना सूर्य की रोशनी अथवा कम रोशनी के भी स्वस्थ रह सकते हैं। मैं इन्हीं पौधों का कलेक्शन बनाया। वेंचरपार्क की ओर से मुझे को-वर्किंग स्पेस, मेंटर सहित अन्य सभी सुविधाएं मिल रही हैं। डॉ. शंकु बोस मुझे मेंटर के रूप में मिले हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर इन्होंने शोध किया है।
तीन तरह की गार्डेनिंग
जिनके पास लॉन या छत नहीं है, उनके कमरे की दीवारों पर वॉल गार्डेनिंग अथवा वर्टिकल गार्डेनिंग का कांसेप्ट विकसित किया। छतों और लॉन को डिजाइन बना 24 घंटे ऑक्सीजन देने वालों पौधों के साथ कुछ अन्य तरह के पौधों का बंच बनाया। इस तरह से तीन तरह की विधियां विकसित कर मैं काम कर रहा हूं। पटना स्थित भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय सहित कई कंपनियों के कार्यालय में भी गार्डेन विकसित कर रहा हूं। घरों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। अब पटना से बाहर दायरा बढ़ाने की कोशिश में हूं। कई तरह के डिजाइन हैं, इसी के अनुरूप कीमत लेता हूं। लगभग 600 से 750 रुपये प्रति स्क्वायर फुट इसकी कीमत बैठती है।
Input : Dainik Jagran