बीआरएबीयू में इस महीने पीजी फोर्थ सेमेस्टर 2014-16 की परीक्षा नहीं हुई तो छात्रों का यह साल भी बर्बाद जाएगा। बाहर के विश्वविद्यालयों में जून-जुलाई से ही सत्र आरंभ होता है। एमफिल, पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट, बीएड एंट्रेंस टेस्ट व नेट जेआरएफ की तैयारी कराने वाले बाहरी कोचिंग संस्थान भी इसी दरम्यान बैच शुरू करते हैं। दो साल के कोर्स में चार साल बीत चले। लगभग पांच हजार छात्र-छात्रओं का कीमती समय बर्बाद गया। मई में ही यह परीक्षा हो जानी चाहिए, मगर इसकी सुगबुगाहट भी नहीं दिख रही। छात्रों का कहना है कि फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अविलंब न हुई तो एक साल बर्बाद जाएगा। दूसरी ओर इस साल पीजी नामांकन में सीटें इसीलिए खाली रह गई हैं। नामांकन फॉर्म भी लगभग एक तिहाई छात्र-छात्रएं ही भर पाए।

परीक्षा हो तब तो छात्र जाएं बाहर: पीजी 2014-16 के छात्र रंजन कुमार ने बताया कि हमलोग का सत्र दो साल विलंब चल रहा है। यानि दो साल का सत्र चार साल में भी पूरी नहीं हो पाया है। नियमत: कोर्स अप्रैल 2016 में ही समाप्त हो जाना चाहिए था। अभी पीएचडी में एडमिशन के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी पंजाब और साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोलकाता का फॉर्म हमलोग भरे हैं। इंट्रेंस एग्जाम पास होने के बाद एडमिशन के समय फोर्थ सेमेस्टर पास होने का प्रमाणपत्र देना है। अगर मई में फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई तो उस समय तक रिजल्ट नहीं हो सकता। जबकि, विश्वविद्यालय चाहता तो मार्च में ही हमारी परीक्षा ली जा सकती थी। क्योंकि, फोर्थ सेमेस्टर की कक्षाएं जनवरी 2018 में समाप्त हो चुकी थीं और थर्ड सेमेस्टर का रिजल्ट 21 फरवरी, 2018 को ही आ गया था।

तुरंत परीक्षाएं नहीं हुईं तो यह साल भी हो जाएगा बर्बाद

 

बाहर के विश्वविद्यालयों में जून जुलाई से ही सत्र आरंभ

 

Input : Dainik Jagran

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