मीनापुर में कैंसर की चपेट में आए लोगों की इलाज के लिए पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने संज्ञान लिया है। वर्षों से कैंसर का कहर झेल रहे प्रखंड के गोरीगामा, टेंगराही, सलेमपुर गांव के लोगों के लिए राहत की खबर है। पीएमओ ने एनसीडी दिल्ली के (नन कम्युनिकेबल डिजीज कंट्रोल) के निदेशक को मीनापुर की समस्या पर पहल करने को कहा है। विशेषज्ञों की टीम भेजकर प्रखंड के इन तीनों गांवों में पीड़ितों की जांच करने को कहा गया है। पिछले 10 वर्षों में करीब 40 ग्रामीणों की मौत कैंसर से हो चुकी है। आधा दर्जन ग्रामीण अब भी कैंसर से पीड़ित हैं। पंचायत की इस समस्या को लगातार आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। प्रकाशित खबरों के साथ गांव के शिक्षक विवेक कुमार ने पीएमओ को पत्र भेजा था। पीएमओ ने संज्ञान लेते हुए एनसीडी के निदेशक को विशेषज्ञों की टीम भेजकर गांवों का जायजा लेने का निर्देश दिया है। इसमें राज्य स्वास्थ्य विभाग से मदद लेनी है। शिक्षक ने बताया कि अब तक कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में आ चुकी है। पीचईडी विभाग पानी की जांच करवा चुका है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दूसरी ओर कैंसर पीड़ित जमीन बेचकर इलाज करवाने को विवश हैं। इधर, सीएस डॉ. ललिता सिंह ने बताया कि मीनापुर की गोरीगामा पंचायत में कैंसर की समस्या है। स्थानीय स्तर पर टीम से सर्वे कराया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टर व विशेषज्ञ संस्थान नहीं है। इसके कारण स्थानीय स्तर पर इस बीमारी को लेकर किसी तरह की पहल करना मुश्किल है। राज्य मुख्यालय को सूचना दी गई है, लेकिन इसे लेकर अब तक कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो सकी है।

कई लोग छोड़ चुके हैं गांव, खरीद कर पीते हैं पानी
शिक्षक विवेक कुमार ने बताया कि कैंसर के कहर से गांव के लोग सहमे हुए हैं। कैंसर से मौत के बाद कई लोगों ने गांव में रहना छोड़ दिया है। जो लोग गांव में रहते हैं वे पानी खरीद कर पीते हैं। समस्या को लेकर राज्य स्तर पर कोई पहल नहीं होने पर पीएमओ को अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ऑन लाइन आवेदन भेजकर पीड़ितों का इलाज व सहायता के लिए आग्रह किया गया था। साथ ही ‘हिन्दुस्तान अखबार में चार अक्टूबर 2017 से लेकर अप्रैल 2018 तक प्रकाशित खबरों को आवेदन के साथ भेजा गया था। पहली खबर ‘गोरीगामा में सालभर में कैंसर से आठ की मौत शीर्षक से खबर छपी थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच का आदेश दिया। शिक्षक विवेक कुमार ने बताया कि गांव के लोग जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक को समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन पहल नहीं हुई।
Input : Live Hindustan