कर्नाटक के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का फोकस अब अब उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर पर है। पार्टी रविवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल में अपना राजनीतिक सम्मेलन कर रही है। इसके दौरान राज्य में पार्टी का कार्यालय भी खोला जा रहा है। जदयू उत्तर पूर्वी राज्य नगालैंड में पहले ही अपनी पैठ बना चुका है।
जदयू बिहार से बाहर निकलकर अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाने की योजना पर चल रहा है। इसके तहत पार्टी ने मणिपुर और नगालैंड समेत पूरे उत्तर-पूर्व में भी अपनी पैठ बनाने के लिए चरणबद्ध योजना बनाई है। पार्टी ने नगालैंड के बाद अब मणिपुर में दस्तक दी है। इसके लिए राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं की टीम इंफाल पहुंची है।
इंफाल में रविवार को जदयू का राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया गया है। जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, राज्यसभा सदस्य हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अफाक अहमद की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। यह कमेटी इंफाल में मौजूद है। रविवार को हो रहे सम्मेलन में इस कमेटी से सदस्य मौजूद हैं। नगालैंड में जदयू एमएलए व नगालैंड सरकार में मंत्री मोनडेमो होमसी, नगालैंड जदयू के प्रदेश महासचिव कितोहो रोटाखा और मणिपुर के जदयू अध्यक्ष व पूर्व मंत्री पाओ टाइथू भी शामिल हैं।
पार्टी महासचिव केसी त्यागी कहते हैं कि उत्तर-पूर्वी राज्य समाजवादियों का पुराना इलाका है। 1952 में मणिपुर बाहरी सीट पर समाजवादी प्रत्याशी की जीत हुई थी। यहां डाॅ. राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी नेताओं की पैठ रही। केसी त्यागी के अनुसार जदयू समाजवाद की इस भूमि पर जनाधार बनाना चाहता है़।
दरअसल, जदयू अब राष्ट्रीय पार्टी बनने की कोशिश में देशभर में अपनी उपस्थिति की योजना पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में जदयू ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव लड़ा। केसी त्यागी मानते हैं कि जदयू राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की तैयारी में है़ं। इसी की ताजा कड़ी मणिपुर में पैठ बनाना है। पार्टी यहां से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ेगी।
Input : Dainik Jagran