चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर(पीके) ने बिहार मे शराबबंदी को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर तंज़ कसा हैं। पीके ने कहा की, “बिहार में प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी में लगा हुआ हैं इसलिए सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका काफी असर पड़ रहा हैं। शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई हैं।
शराबबंदी सिर्फ कागज पर हैं
प्रशांत किशोर ने कहा की, “भारी भ्रष्टाचार के कारण शराबबंदी सिर्फ कागज पर हैं और बिहार में यह पूरी तरह से फेल हैं। जिन औरतों के नाम पर राज्य मे शराबबंदी की गई हैं, जब उनके घर का मर्द शराबबंदी के इस कानून के कारण जेल जाता हैं तो उनको ही कोर्ट-कचहरी का चक्कर काटना पड़ता हैं । शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ सालों में बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई हैं। नीतीश कुमार सरकार के मुखिया और गृहमंत्री भी हैं इसलिए ये सब उनकी जिम्मेवारी हैं।”
शराबबंदी की समीक्षा पर करने के लिए सीएम से बोले पीके
वहीं दो दिन पहले मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार के साथ गुपचुप मीटिंग को प्रशांत किशोर ने बुधवार को नकार दिया था लेकिन जब बुधवार को सीएम नितीश ने खुद कबूल कर लिया कि मुलाकात हुई हैं तो गुरुवार को प्रशांत किशोर ने भी मान लिया और सीएम संग इस मुलाक़ात पर कहा की ये सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक शिष्टाचार मुलाकात थी। इस मुलाकात के दौरान मैंने बिहार में शराबबंदी पर अपने विचार सीएम नीतीश कुमार के सामने रखे और उन्हें बताया कि यह जमीन पर प्रभावी नहीं है।और शराबबंदी की समीक्षा पर भी जोर दिया।