महज पांच वर्ष की बच्ची को पहले दो दरिंदों ने हवस का शिकार बनाया। दर्द से कराहती उस बच्ची की इज्जत को सदर अस्पताल की व्यवस्था ने भी तार-तार कर दिया। वह अस्पताल के बाहर दर्द से कराहती रही। मगर, पांच घंटे तक उसका इलाज भी शुरू नहीं किया गया। जिलाधिकारी मो. सोहैल के निर्देश पर गुरुवार को मामले की जांच में अस्पताल प्रबंधन का यह घिनौना चेहरा सामने आया। अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन अतुल कुमार वर्मा व वरीय उप समाहर्ता अनिल कुमार आर्य ने देर शाम जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।जासं, मुजफ्फरपुर : महज पांच वर्ष की बच्ची को पहले दो दरिंदों ने हवस का शिकार बनाया। दर्द से कराहती उस बच्ची की इज्जत को सदर अस्पताल की व्यवस्था ने भी तार-तार कर दिया। वह अस्पताल के बाहर दर्द से कराहती रही। मगर, पांच घंटे तक उसका इलाज भी शुरू नहीं किया गया। जिलाधिकारी मो. सोहैल के निर्देश पर गुरुवार को मामले की जांच में अस्पताल प्रबंधन का यह घिनौना चेहरा सामने आया। अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन अतुल कुमार वर्मा व वरीय उप समाहर्ता अनिल कुमार आर्य ने देर शाम जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।

चिकित्सकों की टीम भी नहीं बनी

रिपोर्ट में कहा गया कि बुधवार को सकरा की जिस नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, उसका इलाज शाम पांच बजे तक नहीं हो पाया। जबकि अस्पताल रजिस्टर के अनुसार दोपहर दो बजे ही उसकी इंट्री कर ली गई थी। तीन घंटे तक बच्ची दर्द से कराहती रही। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब अस्पताल प्रबंधन नहीं दे सका। जांच टीम ने इसके लिए अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एनके चौधरी को दोषी माना है। जांच टीम ने पाया कि बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो के तहत शीघ्र दो चिकित्सकों की टीम बनानी थी। मगर, यह नहीं बनी। बहाना बनाया गया कि एक ही चिकित्सक मौजूद थी। हालांकि, उपाधीक्षक इस बात का जवाब नहीं दे सके कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों में से किन्हीं को लेकर टीम बनाई जा सकती थी।

अनुपस्थित मिली महिला चिकित्सक

जांच के दौरान महिला चिकित्सक अनुपस्थित मिलीं जिसकी ड्यूटी थी। उनकी जगह दूसरी चिकित्सक काम कर रही थीं। पूछे जाने पर इसका भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जांच रिपोर्ट ने पूरे अस्पताल प्रबंधन को सवालों के घेरे में ला दिया है।

खंगाले गए रजिस्टर, लिए गए बयान

डीएम के निर्देश पर पहुंचे जांच अधिकारियों ने पहले अस्पताल का रजिस्टर खंगाला। उसके बाद उपाधीक्षक, अस्पताल प्रबंधक व महिला चिकित्सकों से पूछताछ की। इसमें कुव्यवस्था की कलई एक के बाद एक खुलती चली गई।

दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज में देरी को लेकर रिपोर्ट आ गई है। इसमें दोषी चिकित्सकों व अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मो. सोहैल, जिलाधिकारी

Input : Dainik Jagran

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