कल ही मुज़फ़्फ़रपुर के मुसहरी थाना क्षेत्र में एक दस वर्षीय मासूम के साथ बेरहमी से बालात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस ख़बर को जिसने भी सुना उसने इस घटना को मानवता पर कलंक बताया।
आज मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसका नाम रामनाथ सहनी और पिता का नाम बाबु लाल सहनी है।
वह मासूम मृतिका का पड़ोसी ही है।
उसने जुर्म कबूलते हुए कहा कि वह शराब के नशे में घर लौटा तो बच्ची उसके घर पे टीवी देख रही थी मैंने उठाए इशारे से बुलाया और उसे पैसे की लालच देकर उसे अपने घर के पीछे ले गया। मैंने वहाँ पर उसका बालात्कार करना शुरू किया मगर ओ दर्द से चिल्लाने लगी तभी मैंने उसका गला दबा दिया और वह मर गई।
ऐ लिखकर मेरे हाथ भी कांप रहे है शायद आपको भी पढ़कर आँखों में आंसू जरूर आ गए होंगे। आखिर एक दस वर्ष की मासूम क्या किसी की हवस मिटा सकती है।
जो व्यक्ति खुद विवाहित था और उसकी खुद की बेटी थी आखिर उसने एक गुड़िया को कैसे तोर मरोड़कर सदा के लिए खत्म कर दिया।
सबसे बड़ा सवाल यह की क्या मानवता की सारी सम्वेदनाएँ मर चुकी है।
अब इस दरिंदे को तो नए कानून के तहत फाँसी होनी ही चाहिए।
मगर सोचना तो अब समाज को भी पड़ेगा की आखिर हम जा कहाँ रहे है।
संत राज़ बिहारी की कलम से।