बिहार के थानों के मालखानों में जब्त शराब पीने के बाद ‘चूहों’ की तबीयत खराब होने लगी है। अब वे मरीजों के लिए रखी हुई मीठी-कड़वी दवाइयां पी रहे हैं। सूबे के दूसरे बड़े नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी के स्टोर में रखी मीठी-कड़वी दवाइयां चूहे पी रहे हैं। स्टोर का दरवाजा महीनों से टूटा है। चूहों ने कमजोर दरवाजे में सेंध लगा कर आतंक मचा रखा है। स्टोर इंचार्ज की नींद उड़ी है कि बिना मरीजों को दिए खत्म हो रही दवाइयों का हिसाब कैसे रखा और अस्पताल प्रशासन को दिया जाए?
इमरजेंसी स्टोर का जिम्मा संभालने वाली परिचारिकाओं की मानें तो टूटे दवाजे को दुरुस्त करने के लिए अस्पताल प्रशासन को महीनों से कहा जा रहा है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मरीजों के लिए कार्टन में रखी दवाइयां और इंजेक्शन के पानी के प्लास्टिक बोतल को काट कर चूहे इसे पी जा रहे हैं। दवा के नशे में चूर बड़े-मोटे चूहे इमरजेंसी में मंडराते रहते हैं।
चूहों का आतंक इस कदर है कि दरवाजे की लकड़ी और नीचे लगे एल्युमीनियम के शीट को काट कर स्टोर में प्रवेश कर गया है। दवाइयां निकालते समय यह चूहे भागते हैं। दवा और पानी के कई बोतल खाली मिलते हैं। इसका हिसाब रखना और देना एक समस्या बन गई है।
मुसीबत तब गहरा जाती है जब इमरजेंसी में आने वाले किसी गंभीर मरीज के लिए जब जरूरी दवा खोजी जाती है तब पता चलता है कि इसे तो चूहे चट कर गए हैं। परिचारिकाएं स्टोर को चूहों से सुरक्षित किए जाने की मांग कर रही हैं।
बता दें कि पिछले साल बिहार में एक साल के अंदर जब्त हुई शराब के बारे में जब पूछताछ की गई तो बताया गया कि चूहे पी गए। करोड़ों की शराब मालखाने से इसलिए गायब हो गई है, क्योंकि उस शराब को चूहों ने पी लिया है। मामला उजागर होने के बाद कई थानेदारों ने अपने अपने थाने में दवा का भी छिड़काव किया था।
Input : Dainik Jagran