बिहार में बनने वाले खादी वस्त्र को दो बड़े खरीदार मिल गए हैं। देश की दो बड़ी कंपनियां-रेमंड्स और अरविंद मिल्स, बिहार की खादी खरीदेंगे। उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रेमेंड्स से इस संबंध में करार हो चुका है। अरविंद मिल्स के साथ शीघ्र ही समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि खादी का ‘लोगो’ तैयार हो गया है और इसे बिहार में बन रहे खादी वस्त्रों पर लगाया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अगले कुछ महीनों में 20-25 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है। खादी के विकास के लिए सलाहकारों की सेवा ली जा रही है। इस काम का जिम्मा गुरूग्राम की ‘ग्रैंड थार्टन इंडिया’ नामक कंपनी को सौंपा गया है।
सरकारी कर्मियों को सप्ताह में एक दिन खादी के कपड़े पहनने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बुनकरों के बीच एक हजार त्रिपुरारी चरखे मुफ्त वितरित किए गए हैं। उन्हें कार्यशील पूंजी के रूप में 45 हजार रुपये भी उपलब्ध कराए गए हैं।
डा. सिद्धार्थ ने कहा कि खादी के विकास के लिए नीति तैयार की जा रही है। जल्द ही यह नीति बन जाएगी। नीति में बुनकरों को ब्याज रहित ऋण, अनुदान, उनका बीमा कराने आदि का प्रावधान रहेगा। संवाददाता सम्मेलन के पश्चात उद्योग मंत्री ने खादी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक प्रचार वाहन को भी हरी झंडी दिखाई। यह वाहन पूरे प्रदेश में भ्रमण कर खादी की खूबियों की जानकारी लोगों को देगा।
Input : Dainik Jagran