माह-ए- रमजान। पाक माह के शुरू होते हर तरफ खुदा की इबादत में रोजे रखे जा रहे, हर तरफ रमजान की खुशियां हैं। पर, मीनापुर के धर्मपुर की फिजां इस बार बदली है। खुदा की बंदगी में कोई कमी नहीं, फिर भी रमजान की खुशियां काफूर हैं। कारण भी मौजूं है। ढाई माह पहले एक क्रूर हादसे ने गांव के नौ बच्चों समेत 11 की जान ले ली थी। गांव वाले अब भी वक्त के उस सितम से पूरी तरह उबर न सके हैं। सेहरी और इफ्तार के समय बच्चे बहुत याद आते हैं। शनिवार को धर्मपुर के नूरी मस्जिद इलाके में सन्नाटे से दो-चार होना पड़ा। कुछ दूर आगे बढ़ने पर बस्ती के बुजुर्ग मो. दारोगा अंसारी और मो.जलील मिले। कहने लगे, रमजान का महीना है। सभी लोग रोजा रख रहे हैं, लेकिन गम का साया नहीं हटा है। झटके में हम गांव वालों ने नौ बच्चों को खोया था। पांच बच्चे तो हमारी ही बस्ती के थे। अब भी सभी परिवारों में वह जख्म हरा है। रूकसाना खातून और इस्लाम अंसारी भी गमगीन मिले। इस दंपती ने अपने दो छोटे-छोटे बच्चे को उस हादसे में खोया। रूकसाना आज भी कभी-कभार अपना सुध खो देती है। दोनों बच्चों को पुकारने लगती है। उसकी इस दशा से पड़ोसी भी मर्माहत रहते। रूकसाना को अब भी यही लगता कि उसके दोनों दोनों बच्चे स्कूल से आने वाले हैं। वह उनके लिए खाना तैयार करने लगती है। पत्नी की ऐसी हालत देख पति इस्लाम अपनी नौकरी छोड़ उसे ही संभालने में लगे रहते। रूकसाना का हंसता-खेलता परिवार अचानक उजड़ गया। ऐसे ही गांव में कई और परिवार हैं।
सुरक्षा के लिए बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेजा
हाइवे किनारे बसी धर्मपुर की इस बस्ती में लोग हादसे से ऐसे डरे कि कई ने अपने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया। ताकि वे वहीं सुरक्षित पढ़ लिख सके। रूकसाना का भी भी एक बेटा नानी के घर चला गया है। मो. दारोगा अंसारी बताते है कि हादसे में उन्होंने दो पोती शाहजहां और साजिया को खोया। हादसे के बाद उनकी बहूं ऐसे टूटी है कि अब वह यहां कम रहती है। मायके वाले उसे संभाल रहे हैं। इस बस्ती के हर परिवार में दर्द है। बस्ती वालों ने मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी हाइवे को ‘मौत का रास्ता नाम दे दिया है।
24 फरवरी को हुआ था भीषण हादसा
24 फरवरी को गांव के दर्जनों छोटे बच्चे धर्मपुर सरकारी विद्यालय में पढ़ने गए थे। दोपहर को जब वे स्कूल से वापस आ रहे थे, हाइवे पार किया। फिर सभी एक लाइन में होकर घर की दिशा में चलने लगे। तभी सीतामढ़ी की ओर से आ रही एक अनियंत्रित बोलेरो ने बच्चों को रौंदते हुए सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई। मौके पर ही नौ बच्चों की मौत हो गई जबकि नौ गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में दो और ने दम तोड़ दिया।
Input : Live Hindustan