झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता मे बुधवार को कैबिनेट ने दो बड़े फैसले लिए। झारखंड में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी देने के साथ हीं ओबीसी, एससी और एसटी आरक्षण में वृद्धि करने का फैसला लिया गया हैं। अब इन दोनों विधेयकों को झारखंड विधानसभा से पास कराने के बाद नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा नौंवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद हीं यह झारखंड में लागू होगा।

बुधवार को हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट ने राज्य में पदों व सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम 2001 में संशोधन का फैसला लिया। अब राज्य की सेवाओं मे कुल आरक्षण सीमा 50 फीसदी से बढ़कर 77 फीसदी होगी। इस बैठक में कैबिनेट ने ओबीसी, एससी व एसटी के आरक्षण को बढ़ाने संबंधी विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी दी हैं।

स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) को मिलने वाला आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया जायेगा। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (इडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया हैं। इस तरह कुल मिलाकर अब झारखंड में आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 77 फीसदी हो जायेगा।

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