बीएमपी-6 से सटे सर सैयद कॉलोनी के लोग घर तक बिजली ले जाने के लिए 10 से 12 हजार रुपए खर्च करते हैं, इसके बाद भी उन्हें सुकून नहीं मिलता। मोहल्ले में तार-पोल नहीं होने से एस्सेल की ओर से कनेक्शन देने में आनाकानी की जाती है, लिहाजा लोग बिचौलियाें का सहारा लेते हैं। लंबी दूरी से तार खींचने के कारण 5 से 6 हजार वायर पर ही खर्च हो जाते हैं, बांकी बांस-बल्ली पर। पांच साल से मोहल्ले के कई लोग अधिकारियों के पास तार व पोल के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन एस्सेल अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे। अल्पसंख्यक आबादी वाली इस कॉलोनी में लोग बांस-बल्ले पर तार खींचकर बिजली लाते हैं। इससे पांच से 6 फीट की ऊंचाई पर जगह-जगह तार झूल रहे हैं, जो हादसे को आमंत्रण देते हैं। मो. नजीमुजम्मा ने बताया कि घर तक बिजली लाने में 10-12 हजार खर्च होते हैं, फिर भी निश्चिंत नहीं रहते। बारिश, आंधी व तूफान में बांस टूटने पर उसे बदलना पड़ता है। वहीं एस्सेल ऑफिस जाने पर बोला जाता है कि तार-पोल नहीं रहने पर कनेक्शन नहीं मिलेगा। विदेश से लौटे इं. मुशीर अहमद वर्षों से मोहल्ले में तार-पोल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मो. हसन जान, मो. जलालुद्दीन, शोहराव खान, मो. नजीर, मो. नुरसमा ने मोहल्ले तार-पोल नहीं रहने पर नाराजगी जताई।
पांच माह पहले 18 पोल गिराए तार अब तक नहीं खींचा
कॉलोनी में बिजली पहुंचाने के लिए एस्सेल के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के हस्तक्षेप पर पांच माह पहले 18 पोल गिराए गए थे, लेकिन अब तक किसी में तार नहीं लगाया गया।
खतरा : बांस-बल्ले पर तार खींच जला रहे बिजली
500 मकान है सर सैयद कॉलोनी में
3 हजार की आबादी है अल्पसंख्यक बस्ती की
सर सैयद कॉलोनी में पोल गिराए गए थे। वहां जल्द काम शुरू किया जाएगा। कई नई कॉलोनियों में बिजली पहुंचाने की कवायद चल रही है। –राजेश चौधरी, पीआरओ एस्सेल
15 साल से बढ़ती जा रही है बस्ती में लोगों की संख्या
1 से 2 किलोमीटर दूर से लाइन खींचने की मजबूरी
बस्ती में 5-6 फीट की ऊंचाई में बांस पर तार लगाकर काम चल रहा है। कई स्तर पर प्रयास किया, फिर अब तक कुछ नहीं हुआ। -इं. मुशीर अहमद
बाढ़ से बांस-बल्ला ध्वस्त हो गए थे। पानी उतरने के बाद हम लोग ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के यहां पहुंचे। उनके कहने पर कुछ पोल गिरा कर छोड़ दिए गए, यह तो हद है…। -मुशीर आलम
Input : Dainik Bhaskar
फोटो क्रेडिट तुषार राय दैनिक भास्कर चीफ फोटोग्राफर