मीनापुर के धर्मपुर हादसे का खौफ अब भी बस्ती के लोगों के मन-मस्तिष्क में समाया हुआ है। हादसे से मिले जख्म आज भी भरे नहीं हैं। दिलो-दिमाग में हर वक्त नौनिहालों की सुरक्षा कौंधती रहती है। इसी वजह से हाईवे किनारे बसी बस्ती के करीब 50 बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। ऐसा नहीं है कि बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं या इनके अबू-अम्मी पढ़ाना नहीं चाहते हैं। वे बच्चों को खूब पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन डर इस बात का सताता है कि बच्चे स्कूल से वापस लौटेंगे या नहीं।

 

परिजनों का डर भी वाजिब है। 24 फरवरी को धर्मपुर की नूरी मस्जिद बस्ती के लोगों ने अपने बच्चों को सुबह-सुबह स्कूल भेजा था। लेकिन नौ बच्चे वापस घर नहीं लौटे। परिजनों को उनकी मौत की खबर मिली। हादसे में बस्ती के नौ बच्चे भी घायल हुए थे जिनका इलाज अभी भी चल रहा था। बस्ती मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी हाइवे के किनारे बसी है। बस्ती वालों ने धर्मपुर के डेढ़ किमी के इस इलाके को ‘मौत का रास्ता नाम दे दिया है। बुजुर्ग मो. जलील बताते हैं कि स्कूल जाने के लिए सड़क पार करना पड़ता है जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि हर मिनट औसतन पांच बड़ी गाड़ी इस रास्ते से गुजरती है जो बेलगाम दौड़ती है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना मौत के मुंह में भेजना है।

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रूकसाना ने बताया कि सोचा था बच्चों को खूब पढ़ाऊंगी। लोग कहते थे छोटा परिवार सुखी परिवार होता है, लेकिन सब छिन गया। स्कूल जाने वाला तो बचा ही नहीं। बस्ती के महिलाओं ने निर्णय लिया है कि बच्चे अनपढ़ रह लेंगे, लेकिन उन्हें असमय मौत के मुंह में नहीं जाने देंगे। महिलाओं का कहना है कि सड़क पार कर बच्चों को स्कूल पढ़ने नहीं भेजेंगे।

हर बच्चे की निगरानी करते हैं बड़े-बुजुर्ग: धर्मपुर सड़क हादसे ने सभी को मर्माहत किया था। हादसे के समय डीएम से लेकर मंत्री तक सबने हादसों को रोकने के लिए धर्मपुर में सुरक्षा बहाल करने की बात कही थी। स्कूल और बस्ती के आसपास बैरिकेडिंगग कराने की बात कही गई। तत्काल डीएम के आदेश पर सरकारी स्कूल के समीप बैरियर लगाया गया था। ढाई महीने बात पूरा धर्मपुर फिर से असुरक्षित हो गया है। पुलिस स्कूल के पास से बैरियर हटा लिया गया है। सड़क के दोनों किनारे नाला का निर्माण हो रहा है। इसमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। डर का ऐसा साया गांव में है कि हर बच्चे के पीछे घर के बड़े-बुजुर्ग निगरानी में लगे हैं।

 

विभागीय अफसरों को बच्चे से अधिक प्यारे हैं नियम : धर्मपुर की महिलाओं ने कहा कि यदि सड़क के नीचे से अंडरपास बना दिया जाए तो उनका परिवार सुरक्षित हो जाएगा। ग्रामीण इस मांग पर अड़े हैं, लेकिन एनएचएआई तैयार नहीं है।

अधिकारी विभागीय नियम की दुहाई दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले डेढ़ सालों में 105 से अधिक मौतें हुई हैं। महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि नियम तोड़कर ही सही उनके परिवार को सुरक्षित किया जाए। गांव में अंडरपास बनाया जाए।

Input : Live Hindustan

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