बिहार में शराबबंदी के दो साल पूरे हो चुके हैं। इसे प्रभावी बनाने के लिए छह लाख से अधिक छापेमारी की गई। एक लाख से अधिक एफआअार दर्ज किए गए। 1.21 लाख से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। राज्य में लगभग 25 लाख लीटर देशी-विदेशी शराब की रिकार्ड बरामदगी भी हुई। लेकिन सच यह भी है कि सख्त कानून के बाद भी पीने-पिलाने का दौर क्यों नहीं थम रहा, यह शनिवार की एक घटना ने साफ कर दिया। गया के एसएसपी ने चाकंद के थानाध्यक्ष को शराब माफिया को छोडऩे के एवज में रिश्वत लेते खुद गिरफ्तार किया है। उसके आवास से 1.16 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
इस कार्रवाई के बाद जहां शराब माफिया में हड़कंप है, वहीं इस खेल में शामिल स्थानीय प्रभावशाली लोगों व संबंधित पुलिस पदाधिकारियों में भी बेचैनी है। गया के चाकंद थानाध्यक्ष पवन कुमार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने खुद गिरफ्तार किया। शराबबंदी के बाद भी बेखौफ शराब माफिया के बारे में एसएसपी तक सूचनाएं पहुंच रही थीं।
एसएसपी ने बताया कि थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। चूंकि उसे रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, इसलिए चाकंद थाने में ही डीएसपी विधि व्यवस्था संजीव प्रभार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। थानाध्यक्ष को जेल भेज दिया गया है।
चाकंद थानाध्यक्ष ने शुक्रवार की रात नगर प्रखंड गन्नु बिगहा गांव से शराब से लदा एक ट्रक व चार लोगों को पकड़ा था। इसमें एक स्थानीय जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप पर दो लोगों को छोड़ दिया। ट्रक छोडऩे के लिए शराब तस्करों से तीन लाख रुपये की मांग की गई थी। तस्करों ने डेढ़ लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। एसएसपी को इसकी गुप्त सूचना मिल गई थी। उन्होंने एएसपी संजय भारती एवं डीएसपी संजीव प्रभार के साथ थानाध्यक्ष के सरकारी आवास की छानबीन की। वहां से 1.16 लाख रुपये बरामद होने के बाद एसएसपी ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया। उस जनप्रतिनिधि के बारे में भी जानकारी ली जा रही है, जिसने शराब तस्करों को छोडऩे की पैरवी की थी। कुछ और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। इससे पहले 28 मार्च 2017 को पटना जिले के गौरीचक थाने के मुंशी पंकज सिंह का शराबी को छोड़ने के एवज में घूस लेते वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी मनु महाराज ने उसे सस्पेंड कर दिया था।
04 दिसंबर 2107 को सिवान जिले के दारौंदा थाना के एएसआइ अमित कुमार को पुलिस अधीक्षक सौरव कुमार शाह ने शराब बरामदगी के दौरान गिरफ्तार जलालपुर निवासी दीपक कुमार सिंह को बगैर किसी वरीय पदाधिकारी के सलाह के छोड़ दिए जाने के मामले में निलंबित कर दिया था।
Input : Dainik Jagran