मुजफ्फरपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर सांसद पप्‍पू यादव से बिलकुल नहीं डरी है. हरप्रीत कौर 2009 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. फेसबुक पर बहुत कड़ा जवाब दिया है हरप्रीत कौर ने. लंबा पोस्‍ट लिखा है. पहले अंग्रेजी में, फिर हिंदी में. पप्‍पू यादव की भाषा शैली पर भी बोली है. अंग्रेजी में लिखे पोस्‍ट में कहा है – आश्‍चर्य होता है ऐसे माननीय पर. सब कुछ अपने मन से कहे जा रहे हैं पप्‍पू यादव. लेकिन, न एफआईआर दर्ज करा रहे हैं और न ही हमले का सबूत दे रहे हैं.

आईपीएस हरप्रीत कौर के पोस्‍ट में मन की पीड़ा भी झलक रही है. कोई ढाई साल बाद एसएसपी कौर ने अपने फेसबुक पर कुछ लिखा है. अंग्रेजी वाले अपने पोस्‍ट में हरप्रीत कौर कहतीं हैं – में आम तौर पर सोशल मीडिया से दूर ही रहती हूं. लेकिन आज लिखने को मजबूर हुई हूं. तस्‍वीर में आप अंग्रेजी और हिंदी के दोनों पोस्‍ट को देख सकते हैं.

आगे आप हरप्रीत कौर के हिंदी वाले पोस्‍ट को हू-ब-हू पढ़ें –

‘नमस्कार.
माननीय सांसद पप्पू यादव जी लगातार मीडिया में रोते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि उनके ऊपर बंद के दौरान मुजफ्फरपुर जिले में हमला हुआ, उनकी गाड़ी तोड़ दी गई, उनका मोबाइल तोड़ दिया गया, उनके समर्थकों के साथ मारपीट की गई. इस संदर्भ में मैं अपनी बात रखना चाहती हूँ. जब उन्होंने अपनी बात मीडिया में रखी तो कुछ मीडिया के लोगों ने हमसे संपर्क किया और पुलिस का पक्ष जानना चाहा तो मैंने कहा कि अगर इस तरह की कोई घटना हुई है तो माननीय सांसद महोदय को पुलिस में FIR दर्ज करवानी चाहिए.

एसएसपी आगे लिखती हैं – मुजफ्फरपुर पुलिस को सांसद साहब और बंद समर्थकों के बीच हुए बातचीत का एक वीडियो मिला था, जो हमने मीडिया को दिया, जिसमें किसी भी तरह की हमले जैसी स्थिति नहीं मालूम चल रही थी. जबकि आजतक भी सांसद साहब के द्वारा इस संदर्भ में कोई F.I.R दर्ज नही करवाया गया है. न ही उनके आरोपों की पुष्टि के लिए उनके साथ हुई कथित मारपीट व तोड़फोड़ के सम्बन्ध में कोई साक्ष्य पुलिस या मीडिया के समक्ष रखा गया है. माननीय सांसद महोदय का यह आरोप है कि उन्होंने मुझे कॉल किया और मैंने फोन नहीं उठाया जबकि हकीकत यह है कि उस समय वरीय पदाधिकारी के द्वारा पुलिस लाइन का निरीक्षण चल रहा था. और जैसे ही हमें यह मैसेज मिला कि वह बात करना चाहते हैं तो तुरन्त हमने खुद सांसद महोदय से बात की और डीएसपी को घटनास्थल पर रवाना किया.

हरप्रीत कौर के पोस्‍ट में लिखा है – 6 तारीख को माननीय सांसद साहब का मधुबनी जिले में कार्यक्रम था और मुज़फ़्फ़रपुर में कोई भी कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं था. उनका आरोप है कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने उनको एस्कॉर्ट नहीं दिया, यह बिल्कुल ही गलत है, क्योंकि उनके उस दिन मुजफ्फरपुर आने की कोई भी लिखित या मौखिक सूचना पुलिस के पास नहीं थी. उनका प्रस्तावित कार्यक्रम मुजफ्फरपुर में 9 और 10 तारीख को है. सांसद महोदय मीडिया में आकर बेहद आपत्तिजनक और तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं कि मैं उनकी हत्या की साजिश में शामिल हूँ. इस संदर्भ में उनकी जानकारी के लिए कहना है कि पुलिस का काम आम लोगों को सुरक्षा देना है न कि किसी की हत्या करवाना.

मुजफ्फरपुर की एसएसपी कहती हैं – हम एक पुलिस अधिकारी हैं जो कि ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपना काम कर रहे हैं. हमारी उनसे क्या दुश्मनी है भला. फिर भी लगातार सांसद महोदय इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं. दूसरी सबसे बड़ी बात है कि अपनी पद यात्रा के दौरान वह लगातार “नारी बचाओ आंदोलन” चला रहे हैं और स्वयं को महिलाओं के हितों के “रक्षक” बता रहे हैं और दूसरी तरफ एक महिला अधिकारी के संबंध में मीडिया में ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं कि ” एस एस पी मुजफ्फरपुर अपने चहेते पत्रकारों को लव लेटर लिख रही हैं. ” जबकि मेरे द्वारा सिर्फ तथ्यों के आधार पर वस्तु स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की गई थी उस दिन मीडिया में.

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हरप्रीत कौर पूछतीं हैं – एक सांसद महोदय के द्वारा इस तरह की असंसदीय और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल एक महिला के लिए किया जाना कितना उचित है ? और एक तरफ सांसद महोदय नारी सम्मान की बात करते हैं और दूसरी तरफ एक महिला पुलिस अधिकारी के संबंध में मीडिया में लगातार अपमानजनक ,असंसदीय और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.‘

SSP हरप्रीत कौर का अंग्रेजी फेसबुक पोस्ट

Input : Live Cities

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