पटना: आईआईटी पटना भी अब सुपर कंप्यूटर पावर से लैस होगा। दरअसल नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत देश के 9 संस्थानों मे सुपर कंप्यूटर को स्थापित करने की तैयारी की गई हैं। भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जिन 9 संस्थानों में सुपर कम्प्युटर को लगाने की सहमति दी हैं, उनमें आईआईटी पटना, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई, आईआईटी मद्रास, एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंस, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर दिल्ली, सीडैक पुणे, नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स पुणे और एनआईसी दिल्ली जैसे संस्थान शामिल हैं।

सुपर कंप्यूटर क्या है ?

सुपर कंप्यूटर सेकंड मे एक लाख करोड़ से अधिक गणनाएं करने में समर्थ होता हैं । देश का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम परम 8000 हैं, जिसे साल 1991 में तैयार किया गया था। भारत अब तक कई सारे सुपर कम्प्युटर विकसित कर चुका हैं जिनमे परम 8000, परम 9900/एसएस, परम 8600,परम शिवाय, परम 10000, परम पद्म, परम युवा, परम युवा द्वितीय, परम शक्ति, परम ब्रह्म, परम युक्ति, परम संगणक जैसे सुपर कंप्यूटर शामिल हैं ।

सुपर कम्प्युटर के फायदे

आईआईटी पटना (IIT Patna) के एसोसिएट डीन जावर सिंह के अनुसार इससे न केवल शोध की गुणवत्ता निखरेगी बल्कि बिहार के सामाजिक आर्थिक विकास की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। बिहार में शिक्षा,बाढ़ का अध्ययन, मौसम पूर्वानुमान, चिकित्सा, जलवायु परिवर्तन अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंफ्रास्टक्चर, जैसे शोध के क्षेत्र में सुपर कंप्यूटर सकारात्मक उपयोग किया जाएगा। साथ हीं भौतिकी, खगौल, आणविक विज्ञान जैसे अनुसंधान उद्देश्यों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता हैं। और इंजीनियरिंग और डिजाइन में भी इस सुपर कम्प्युटर की बड़ी भूमिका होगी।

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