पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बाद पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होने कहा की, “सोनिया गाँधी ने लालू-नीतीश को औकात बता दी हैं, मात्र 20 मिनट में निपटा कर कमरे से बाहर कर दिया।”
दोनों को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी औकात समझ में आ गई होगी : मोदी
सोमवार को बयान जारी कर सुशील कुमार मोदी ने कहा की, “कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऐसा तिरस्कार किया कि इन दोनों को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी औकात समझ में आ गई होगी। झेंप मिटाने के लिए लालू-नीतीश ने हवा में उठे हाथ मिलाते हुए अपनी तस्वीर जारी की।”
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश का ऐसा तिरस्कार किया कि इन दोनों को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी औकात समझ में आ गई होगी। झेंप मिटाने के लिए लालू-नीतीश ने हवा में उठे हाथ मिलाते हुए अपनी तस्वीर जारी की।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 26, 2022
दरवाजे तक आकर विदा करने लायक भी नहीं समझा : मोदी
सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा की, “सोनिया गांधी ने दोनों को मात्र 20 मिनट में निपटा कर कमरे से बाहर कर दिया, न इनके साथ फोटो खिंचवाई, न इन्हें दरवाजे तक आकर विदा करने लायक समझा। एक राज्य के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मिलने आने पर ऐसी बेरुखी जाहिर करती है कि कांग्रेस को नीतीश कुमार और उनकी विपक्ष जोड़ो यात्रा बिल्कुल पसंद नहीं।”
श्री मोदी ने कहा कि सोनिया गांधी ने दोनों को मात्र 20 मिनट में निपटा कर कमरे से बाहर कर दिया, न इनके साथ फोटो खिंचवाई, न इन्हें दरवाजे तक आकर विदा करने लायक समझा।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 26, 2022
मोदी ने आगे कहा की, “यदि कांग्रेस नीतीश कुमार की लाइन का समर्थन करती, तो पार्टी राहुल गाँधी को प्रोजेक्ट करने वाली “भारत जोड़ो यात्रा” क्यों जारी रखती। हरियाणा के फतेहाबाद की विपक्षी एकता रैली में आमंत्रित 17 शीर्ष नेताओं में से केवल पांच का शामिल होना और सोनिया के दरवाजे पर लालू-नीतीश का तिरस्कृत होना इस बात का संकेत है कि 2024 के संसदीय चुनाव में ढेर सारे “पीएम मैटेरियल” का क्या हस्र होने वाला हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के फतेहाबाद की विपक्षी एकता रैली में आमंत्रित 17 शीर्ष नेताओं में से केवल पांच का शामिल होना और सोनिया के दरवाजे पर लालू-नीतीश का तिरस्कृत होना इस बात का संकेत है कि 2024 के संसदीय चुनाव में ढेर सारे "पीएम मैटेरियल" का क्या हस्र होने वाला है।
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